नाथूराम गोडसे मुद्दाः साध्वी के कंधे पर बंदूक रख उद्धव पर गोली चला रहे हैं राहुल गांधी!
बेंगलुरू। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कत्ल के दोषी नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने के लिए मुद्दे पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दोहरे रवैये की पोल खुल चुकी है। एक तरफ राहुल गांधी लोकसभा में बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को आंतकी करार देते हैं तो दूसरी तरफ उन्ही नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार देने वाले शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन करके सियासत चमका रहे हैं।
प्रज्ञा ठाकुर को आंतकी बताने के अपने बयान पर कायम राहुल गांधी हो सकता है कि भूल चुके हो कि महाराष्ट्र में चौथे नंबर पर रही कांग्रेस वैचारिक असमानता के बावजूद महज सत्ता के लिए शिवसेना के साथ गलबहियां करके सत्ता सुख भोग रही है। वरना ऐसे बयान देने और फिर उस पर कायम रहने की भूल तो शायद नहीं करते और अगर करते भी तो अब माफी मांग चुके होते।
हालांकि नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' बताकर विवादों में आईं बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने संसद में माफी मांग भी ली है। संसद से अपने बयान के लिए माफी मांगने के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।
संसद में बयान के लिए माफी मांगने के बाद साध्वी ने राहुल गांधी को भी आड़ों हाथ लिया। राहुल गांधी का नाम लिए बगैर साध्वी ने कहा कि ससंद के एक सदस्य ने उन्हें आतंकी कहा है जबकि कोर्ट में अभी तक उनके खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं सका है। राहुल गांधी द्वारा खुद आंतकी संबोधित किए जाने को गैरकानूनी ठहराते हुए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उन्होंने एक महिला, एक संन्यासी और एक सांसद का अपमान किया है।
गौरतलब है साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अभी भोपाल लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी की सांसद हैं। 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट में आरोपी बनाई गईं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर गिरफ्तार किया गया था और कई वर्षों तक उन्हें जेल में रहना पड़ा था। अभी हाल ही में एनआईए ने उनके ऊपर से मकोका धारा हटा दिया था, जिसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी और वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में भोपाल में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को भारी मतों से हराकर लोकसभा पहुंची हैं।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को आंतकी कहने पर राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की मांग करते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने वाली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नाथूराम गोडसे मुद्दे पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर आतंकी बताते हैं, लेकिन नाथूराम गोडसे को सामना में देशभक्त कहने वाले शिवसेना को गले लगाए बैठे हैं। दूबे ने कहा कि सत्ता की लालची कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए शिवसेना प्रिय है, लेकिन साध्वी प्रज्ञा ठाकुर आंतकी नजर आती हैं।
स्पष्ट है कि कांग्रेस हमेशा से ही सहूलियत की राजनीति करती रही है और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शिवसेना और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर अलग-अलग स्टैंड लेकर एक फिर साबित किया है कि कांग्रेस के लिए प्रज्ञा क्यों आतंकी हैं और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे क्यों देवता तुल्य हो गए हैं। अपने बयान पर अभी भी कायम राहुल गांधी ने कहा कि वह इसके लिए माफी नहीं मांगेगे। अपने खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की भाजपा की मांग के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा कि इससे उन्हें कोई समस्या नहीं है।
उल्लेखनीय है साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के लोकसभा में दिए गए विवादित बयान को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरूवार को ट्वीट करते हुए लिखा था, 'आतंकवादी प्रज्ञा ने आतंकवादी गोडसे को देशभक्त बताया. यह भारत के संसद के इतिहास का एक दुखद दिन है।' राहुल गांधी द्वारा ट्वीट में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को आंतकी कहना भी विवादों से घिर गया, क्योंकि अभी कोर्ट में साध्वी के खिलाफ कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ है।
कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सबसे पहले हिंदू आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसके तहत वर्ष 2008 मालेगांव बम विस्फोट, वर्ष 2007 में अजमेर शरीफ, समझौता एक्सप्रेस और मक्का-मस्जिद बम विस्फोट में जबरन हिंदूओं को टारगेट किया गया, लेकिन कोर्ट में सभी आरोप धाराशाई हो गए।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस नेता को अगर नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने से इतनी आपत्ति हैं, तो शिवसेना के साथ हालिया गठबंधन से किनारा कांग्रेस क्यों नहीं कर लेती, जिसके मुखपत्र में बाकायदा नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा गया था।
राहुल गांधी द्वारा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को आतंकी कहना गुड़ खाने और गुलगुला खाने से परहेज करने वाले कहावत को चरित्रार्थ करता है। वैसे, कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वह हमेशा सहूलियत की राजनीति करती है और सत्ता के लिए वह किसी के साथ भी हाथ मिलाने को तैयार होती है। महाराष्ट्र में परस्पर विरोधी शिवसेना के साथ साझा सरकार ताजा है, लेकिन इतिहास में ऐसे दर्जनो उदाहरण दर्ज हैं।
महाराष्ट्र में बेमेल दल की साझा सरकार जरूर बन गई है, लेकिन परस्पर विरोधी पार्टियों के मेल से महाराष्ट्र में खड़ी हुई गठबंधन सरकार में ऐसे कईयों मौके आएंगे जब कांग्रेस और शिवसेना आमने-सामने होंगे। इनमें सेक्युलरिज्म और हिदुवादी राजनीति प्रमुख हैं और अगर ऐसा होता है तो महाराष्ट्र की बेमेल सरकार कितने दिन तक चलेगी, समझा जा सकता है। राहुल गांधी ने साध्वी के कंधे पर बंदूक रखकर उद्धव ठाकरे पर जो गोली चलाई है, इसकी आवाज जल्द सुनाई पड़ेगी।
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