Coronavirus: नाक से दिया जाने वाला टीका हो सकता है गेमचेंजर- डॉ वीके पॉल
नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पाल ने कहा कि नाक से दिए जाने वाले कोरोना वायरस के टीके (Nasal Vaccine) के लिए कैंडिडेट की पहचान की गई है। पहले और दूसरे फेज के ट्रायल के लिए इस विचार हो रहा है। अगर ये नाजेल वैक्सीन काम करती है तो यह गेम चेंजर साबित हो सकती है। डा. वीके पाल ने देश में चल रहे टीकाकरण को लेकर कहा कि वैक्सीन को लेकर प्रतिकूल प्रभाव और गंभीर समस्याओं के बारे में कहा कि इन चिंताओं में अभी तक तो कोई दम नहीं लगता है। डेटा के आधार पर हम कह सकते हैं कि दोनों टीके सुरक्षित हैं।
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कोरोना वायरस को लेकर मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस वार्ता में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने स्वास्थ्यकर्मियों से कहा कि वह वैक्सीन को लेकर किसी तरह के भ्रम में ना रहें। दोनों वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों का दायित्व है कि वह वैक्सीन को लेकर जागरूकता फैलाएं। हमें वायरस की चेन को तोड़ना है ऐसे में वैक्सीन इसके लिए अहम भूमिका अदा करेगी। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया वैक्सीन तैयार करने के लिए हमारी तारीफ कर रही है। मैं डॉक्टरों और नर्सों से वैक्सीन को स्वीकार करने का अनुरोध करता हूं। वह समाज के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए वैक्सीन लगवाने में ना हिचकिचाएं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश में अब तक 4,54,049 लोगों को टीके लगाए गए हैं। वैक्सीनेशन के पहले दिन भारत में 2,07,229 टीके लगे जबकि अमेरिका में पहले दिन 79,458, ब्रिटेन में 19,700 और फ्रांस में 73 टीके लगे थे। दुनिया मे पहले दिन सबसे ज्यादा टीके भारत में लगे। अभी तक टीकाकरण के बाद प्रतिकूल असर के मामलों का प्रतिशत 0.18 फीसदी और 0.002 मामलों में टीके के बाद अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आई हैं।