नासा भेजेगा लैंडर की तस्वीर, जल्द पता चलेगा कैसा है 'विक्रम'
नई दिल्ली। अमेरिकी स्पेस रिसर्च एजेंसी नासा एक बार फिर से अपना लूनर रोवर ऑपरेटर चंद्रमा पर भेजा है। यह एलआरओ उसी जगह पर पहुंचा है जहां पर भारतीय स्पेस एजेंसी ने अपना चंद्रयान-2 द्वारा लैंडर विक्रम को भेजा था। सोमवार को नासा का एलआरओ यहां पहुंचा और माना जा रहा है कि वह एक बार फिर से चंद्रयान-2 के लैंडर से संपर्क साधने की कोशिश करेगा। बता दें कि इसरो का लैंडर 7 सितंबर को हार्ड लैंडिंग करने में विफल रहा था, जिसके बाद इसरो का इससे संपर्क टूट गया था। माना जा रहा है कि लैंडर अब निष्क्रिय हो गया है और यह बर्फ में जम गया है।
दूसरी कोशिश
लैंडर से इसरो का संपर्क टूटने के बाद नासा दूसरी बार इसकी तस्वीर लेने की कोशिश करेगा। इससे पहले 17 सितंबर को भी नासा का एलआरओ इस जगह पहुंचा था और इस जगह की तस्वीर ली थी। लेकिन यह तस्वीर अंधेरे में लिए जाने की वजह से साफ नहीं आ सकी थी। लिहाजा इस तस्वीर में लैंडर को सही से नहीं देखा जा सका। उस वक्त नासा ने कहा था कि हो सकता है कि विक्रम ऐसी जगह पर छिपा हो जहां पर रोशनी ना पहुंच रही हो। नासा की ओर से कहा गया था कि एलआरओ एक बार फिर से 14 अक्टूबर को विक्रम लैंडर की साइट की तस्वीर लेगा।
7 सितंबर को टूटा था संपर्क
माना जा रहा है कि नासा का एलआरओ दूसरी बार यहां की बेहतर तस्वीर लेगा, जिससे कि विक्रम की सही स्थिति का पता लग पाएगा और इस बात की भी जानकारी मिल पाएगी कि लैंडर की मौजूदा स्थिति क्या है। बता दें कि 7 सितंबर को इसरो के मिशन चंद्रयान-2 के तहत विक्रम लैंडर को चांद की सतह पर लैंड कराने की कोशिश की गई थी। लेकिन चांद की सतह से कुछ ही दूर पहले इसका इसरो से संपर्क टूट गया, जिसके चलते भारत एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने में विफल हो गया।
नहीं हो सका संपर्क
लैंडर से संपर्क टूटने के बाद इसरो दोबारा इससे संपर्क नहीं साध सका है। अभी भी इसरो को इस बात की सटीक जानकारी नहीं है कि आखिरकार कहां पर गलती हुई है। रिपोर्ट के अनुसार लैंडिंग के वक्त लैंडर कई बार घूमा और एकदम से सतह पर तेजी से गिर गया। जिसकी वजह से विक्रम लैंडर का संपर्क इसरो से टूट गया। विक्रम से संपर्क टूटने के बाद इसरो ने इसकी स्थिति का पता लगाने की काफी कोशिश की, लेकिन समय बीतता गया और इसरो को इसका कोई सुराग नहीं मिला।
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