क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

समय से पहले चुनाव क्यों नहीं कराएंगे नरेंद्र मोदी?

कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव समय से पहले करवा सकते हैं.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
नरेंद्र मोदी
Getty Images
नरेंद्र मोदी

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 लोकसभा चुनावों को समय से पहले करा सकते हैं.

कुछ लोगों का कहना है कि दिसंबर में छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों के साथ ही लोकसभा चुनाव भी करा लिए जाएंगे.

ऐसा प्रधानमंत्री मोदी की लोकसभा चुनावों को विधानसभा चुनावों के साथ आयोजित करवाने की इच्छा को ध्यान में रखकर कहा जा रहा है.

कुछ लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि चुनाव अगले सौ दिनों में भी हो सकते हैं. ऐसा हुआ तो समय से ठीक एक साल पहले नई सरकार सत्ता में होगी.

2014 आम चुनावों के दौरान नरेंद्र मोदी के अभियान में मदद करने वाले टेक्नॉलॉजी उद्यमी राजेश जैन ने ऐसी अफ़वाहों को मज़बूती दी है.

क्या मोदी का अंतिम बजट किसानों के लिए है?

तनाव दूर करने के लिए मोदी ने लिखी किताब

कार्टून
BBC
कार्टून

ग्रामीण अर्थव्यवस्था

राजेश जैन ने अपने लेख में उन्होंने चुनावों के समय से पहले होने का कारण भी बताए हैं.

उनका तर्क है कि 2014 चुनावों के बाद से बीजेपी की सीटें लगातार कम हो रही हैं. मोदी चुनावों का जितना इंतेज़ार करेंगे उतनी ही चमक वो खोते जाएंगे.

जो भी हो सरकार विरोधी हवा का अपना एक चक्र और तर्क होता है. बेरोज़गारी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की वजह से पैदा होने वाली दिक्कतें भी बढ़ती ही जाएंगी.

क्या होगा अगर तेल के बढ़ते दामों से महंगाई बढ़ जाए और ख़ुदा न करे कि मॉनसून ख़राब हो जाए?

समय से पहले चुनावों के पक्ष में सबसे मज़बूत तर्क अब भी 'चौंकाने की कला' ही है और हम सब जानते हैं कि मोदी को चौंकाना पसंद हैं.

मोदी सरकार के एजेंडे में क्यों नहीं सैलरीड क्लास?

क्या है जो मोदी को 'महान' बनने से रोकता है

किसान
Getty Images
किसान

मोदी सरकार

यदि चुनाव समय से पहले हुए तो विपक्ष को एकजुट होने के लिए समय नहीं मिल पाएगा और सरकार विरोधी अभियान के लिए उसके पास ठोस रणनीति नहीं होगी.

ये विचार भले ही दिल बहलाने वाले लगें लेकिन सच्चाई ये है कि इस समय मोदी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लेकर संकट में है.

ख़ासकर किसानों की दिक्कतों की वजह से. लंबे समय से अर्थव्यवस्था में हलचल नहीं है और निजी निवेश बढ़ नहीं पा रहा है.

जब सरकार फिर से बैंकों को मज़बूत करने पर जोर दे रही है, अपनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना लॉन्च कर रही है और पुरानी योजनाओं को और मज़बूत कर रही है तो सरकार को मतदाताओं को लुभान के लिए जितना ज़्यादा मिल सके उतना वक़्त भी चाहिए होगा.

ग़रीबों को धुंए के गुबार से निकाल पाई है उज्ज्वला?

मोदी सरकार ने मिडल क्लास को क्या दिया?

भारतीय जनता पार्टी
SANJAY KANOJIA/AFP/Getty Images
भारतीय जनता पार्टी

वाजपेयी की ग़लती

राजेश गर्ग का तर्क है कि अब मोदी सरकार के लिए चीज़ें और ख़राब ही होती जाएंगी लेकिन सरकार इसे दूसरे नज़रिए से भी देख सकती है.

ग्रामीण गुजरात और राजस्थान में जैसा देखा गया है, हालात पहले ही बदतर हो गए हैं. सरकार के प्रयास उन्हें बेहतर करने के ही होंगे.

समय से पहले चुनाव करवाना एक बड़ा ख़तरा है. अटल बिहारी वाजपेयी अक्टूबर, 1999 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बने थे. अगले चुनाव अक्तूबर 2004 में होने थे.

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनावी जीत से उत्साहित बीजेपी ने सितंबर-अक्तूबर 2004 के बजाए दिसंबर 2003 में ही चुनाव करवा दिए.

बीजेपी चुनाव हार गई. नरेंद्र मोदी अगर अटल बिहारी वाजपेयी की गलती को दोहराते हैं तो ये चौंकाने वाली बात ही होगी.

'अपनी सरकार' के बजट पर क्या बोले मोदी

मोदी सरकार के लिए उल्टा पड़ जाएगा ये बजट?

बीजेपी, मोदी, अमित शाह
MONEY SHARMA/AFP/Getty Images
बीजेपी, मोदी, अमित शाह

समय से पहले चुनाव

सत्ता का हर दिन नेता के पास वोटरों को लुभाने का एक और मौका होता है. समय से पहले चुनाव इस मौके को गंवा देते हैं.

मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2002 में गुजरात विधानसभा भंग कर दी थी. लेकिन चुनाव हुए थे दिसंबर 2002 में.

गोधरा हिंसा के बाद हुए ध्रवीकरण की वजह से बीजेपी समय से पहले चुनाव चाहती थी. साल 2016 में पाकिस्तान पर कई गई सर्जिकल स्ट्राइक भी एक ऐसा ही मौका थी.

जब तक मोदी सरकार को ऐसा और मौका नहीं मिलता तब तक समय से पहले चुनाव होने मुश्किल हैं.

अब सवाल बचता है लोकसभा और विधानसभा चुनावों के एक साथ कराने का.

मोदी-राहुल के लिए कितने अहम पूर्वोत्तर के चुनाव?

मोदी-तोगड़िया की दोस्ती दुश्मनी में कैसे बदल गई?

बीजेपी, मोदी, अमित शाह
PUNIT PARANJPE/AFP/Getty Images
बीजेपी, मोदी, अमित शाह

2019 के चुनाव

दोनों चुनावों को एक साथ लाने के लिए बीजेपी 2019 के आम चुनावों को पहले कराने के बजाए राज्य चुनावों को अप्रैल-मई 2019 तक आगे खिसकाना पसंद करेगी.

बीजेपी इस समय 19 राज्यों में सत्ता में हैं. वो आसानी से उन विधानसभाओं को भंग कर जब चाहे चुनाव करा सकती है.

हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में 2019 आम चुनावों के बाद विधानसभा चुनाव होने है, वहां ख़ासतौर से लोकसभा चुनावों के साथ समय से पहले चुनाव हो सकते हैं.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Narendra Modi, why not choose prematurely
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X