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झारखंड चुनाव में मोदी बनाम राहुल : चुनावी रैलियों का स्कोर कार्ड, कौन आगे कौन पीछे ?

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रांची। झारखंड में सत्ता के लिए संग्राम चरम पर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फिर रघुवर सरकार बनाने की गरज से चार बार झारखंड आ चुके हैं। 15 दिसम्बर और 17 दिसम्बर को वे फिर झारखंड आने वाले हैं। नरेन्द्र मोदी की धुआंधार रैलियों से भाजपा उत्साहित है। मोदी के निशाने पर झामुमो, कांग्रेस और राजद हैं। वे लोगों को भरोसा दिला रहे हैं कि वाजपेयी सरकार ने ही झारखंड का निर्माण किया और इसका विकास भी भाजपा ही करेगी। महागठबंधन की अस्थिर सरकार राज्य में फिर लूट खसोट की बढ़ावा देगी। दूसरी तरफ कांग्रेस ने भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। राहुल गांधी कुछ देर से जगे, लेकिन जगे। पहले चरण के चुनाव में गायब रहने वाले राहुल गांधी दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव प्रचार के लिए अभी तक तीन बार झारखंड आ चुके हैं। धड़ाधड़ पांच सुनावी सभाएं कर डालीं। राहुल गांधी आक्रामक अंदाज मैं रैलियां कर रहे हैं। उनका झारखंड के राजमहल में दिया 'रेप इन इंडिया’ वाला भाषण पूरे देश में सुर्खियां बटोर रहा है।

नरेन्द्र मोदी की धुआंधार रैलियां

नरेन्द्र मोदी की धुआंधार रैलियां

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रघुवर सरकार को कायम रखने के लिए पूरा जोर लगा रखा है। वे अभी तक चार बार झारखंड आ चुके हैं। उनकी पहली चुनावी सभा 25 नवम्बर को गुमला और डालटनगंज में हुई थी। फिर उन्होंने 3 दिसम्बर को खूंटी और जमशेदपुर में रैली की। 9 दिसम्बर को मोदी बरही और बोकारो में गरजे। 12 दिसम्बर को उन्होंने धनबाद में चुनावी सभा की। प्रधानमंत्री 15 और 17 दिसम्बर को संथाल परगना आने वाले हैं। यानी कुल मिला कर भाजपा के चुनाव प्रचार के लिए वे झारखंड का छह चक्कर लगाएंगे। प्रधानमंत्री की धुआंधर रैलियों की वजह भी है। वे झारखंड में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते। आजसू के अलग होने के बाद अब झारखंड में भाजपा की चुनौती बढ़ गयी है। बहुमत का आंकड़ा (41) पार करने के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत है। महाराष्ट्र के घटनाक्रम के बाद पीएम मोदी की चिंता बढ़ गयी है। वे अपने स्तर से कोई कमी नहीं रखना चाहते।

मोदी का फंडा

मोदी का फंडा

नरेन्द्र मोदी लोगों का समझा रहे हैं कि झारखंड अभी 19 साल का टीनएजर है। जैसे माता-पिता अपने टीनएजर बच्चे को सफलता दिलाने के लिए सजग रहते हैं उसी तरह मतदाताओं को भी 19 साल के झारखंड के लिए सतर्क रहने की जरूरत है। आप और हम मिल कर उभरते हुए झारखंड को सफलता के मार्ग पर ले जाएंगे। वाजपेयी जी ने झारखंड बनाया हम इसे आगे बढ़ाएंगे। इसके लिए एक मजबूत और स्थायी सरकार की जरूरत है। आप सोच समझ कर वोट करें। झारखंड में गैरभाजपा सरकारों ने केवल लूट खसोट को बढ़ावा दिया है। यहां की भाजपा सरकार ने थर्ड और फोर्थ ग्रेड की सरकारी नौकरी स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित कर दी है। इससे आदिवासियों का भला हो रहा है। स्थानीय नीति को लागू करने से रोजगार के अवसर बढ़े हैं। झारखंड की रानी मिस्त्री देश और दुनिया में नाम कमा रही हैं। सखी मंडल गांव की औरतों को स्वावलंबी बना रही हैं। भाजपा ही आदिवासी हितों की रक्षा कर सकती है।

तीन बार झारखंड आ चुके राहुल गांधी

तीन बार झारखंड आ चुके राहुल गांधी

राहुल के आक्रामक अंदाज से झारखंड का चुनावी माहौल पूरी तरह गर्मा गया है। कांग्रेस के साथ झामुमो और राजद में भी जोश आ गया है। उन्होंने पहले चरण के चुनाव में कोई प्रचार नहीं किया था। राहुल की इस बेरुखी पर झारखंड कांग्रेस के नेता चिंता में पड़ गये। उन्होंने शीर्ष नेतृत्व तक संदेश भेजा कि हरियाणा जैसी गलती फिर न दोहरायी जाए। राहुल गांधी को भी बात समझ में आयी। उन्होंने कुछ देर से ही सही, लेकिन कमर कर कर मैदान में उतरने का फैसला कर लिया। दूसरे चरण और तीसरे चरण के चुनाव में राहुल गांधी तीन बार झारखंड आ चुके हैं। उन्होंने 2 दिसम्बर को सिमडेगा और 9 दिसम्बर को बड़कागांव और रांची के बाआइटी मेसरा ग्राउंड में चुनावी सभाएं की थीं। फिर 12 दिसम्बर को राजमहल और महागामा में कांग्रेस प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार किया। अब पहले चरण के कांग्रेस प्रत्याशियों को इस बात का मलाल है कि उन्होंने पहले क्यों नहीं ये तेजी दिखायी।

राहुल ने कर्जमाफी का फिर दिया लुभावना नारा

राहुल ने कर्जमाफी का फिर दिया लुभावना नारा

राहुल गांधी को जैसे ही इस बात का अहसास हुआ कि अगर जोर लगाया जाय तो झारखंड में राजनीति बदलाव हो सकता है, तो उन्होंने अपने आजमाये हुए एजेंडे पर काम करना शुरू कर दिया। झारखंड के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्ज माफी और धान के समर्थन मूल्य का मुद्दा सुपर हिट साबित हुआ था। राहुल ने राजमहल की चुनावी सभा में कहा कि अगर झारखंड में कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनती है तो किसानों के दो लाख तक का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने किसानों को लुभाने के लिए उत्पादन का उचित मूल्य दिलाने का भी वायदा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ किसानों से 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीद रही है। जब कि झारखंड के किसान 1800 रुपये प्रति क्विंटल ही धान बेच रहे हैं। कांग्रेस और सहयोगी दल अगर सत्ता में आये तो हम झारखंड के किसानों से 2500 प्रति क्विंटल धान खरीदेंगे। राहुल के जोशिले भाषणों से कांग्रेस ही नहीं महागठबंधन में भी नयी जान आ गयी है।

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English summary
narendra Modi vs Rahul gandhi in Jharkhand elections: score card of election rallies
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