भारतीय रेल को खुद रफ्तार प्रदान करेंगे नरेंद्र मोदी
रेलवे बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने रेल मंत्री सदानंद गौड़ा और रेलवे बोर्ड के चेयरमेन को इस बाबत हर हफ्ते उनसे मिलने के लिए कहा है। मोदी की नेपाल यात्रा से चंदेक दिन पहले रेल मंत्री को मोदी की तरफ से इस तरह की जानकारी दी गई।
जल्द शुरू होंगी बैठकें
सूत्र बता रहे हैं कि मोदी की रेलवे को लेकर बैठकों के दौर जल्दी ही चालू हो जाएंगे। इनमें रेल मंत्री, रेलव बोर्ड के चेयरमेन के अलावा परियोजना से जुड़े आला अफसर भी रहेंगे। दरअसल मोदी को करीब से जानने वाले जानते हैं कि वे रेलवे के कामकाज को चुस्त बनाना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि रेलवे की परियोजनाओं में किसी भी हालत में विलंब नहीं होना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार मोदी उत्तर पूर्व के राज्यों को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए रेलवे की परियोजनाओं में किसी भी तरह की कोताही नहीं चाहते। इसमें मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, बिरनीहाट-शिलांग, जीरीबम-इंफाल, दीमापुर-कोहिमा और भैरबी-सांईरंग को जोड़ना शामिल है। फिलहाल सिवोक-रंगपो लाइन के जरिए सिक्किम को जोड़ा जाएगा लेकिन इस लाइन को बढ़ाकर गंगटोक तक करने का प्रस्ताव नहीं है।
उल्लेखनीय है कि रेल नेटवर्क के जरिए मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और पणजी के अलावा सभी राज्यों की राजधानियां जुड़ी हुई है।
पांच लाख करोड़ रुपए की जरूरत
जानकारों ने बताया कि रेलवे की सभी मंजूर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए करीब 5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। मोदी के साथ वाली रेल मंत्री की बैठकों वैकल्पिक संसाधनों को जुटाने की व्यवस्था करने के बारे में भी बात होगी ताकि धन के अभाव में कोई प्रोजेक्ट ना लटके।