मन की बात: पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए पीएम मोदी की तीन अपील
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा पीएम बनने के बाद आज पहली बार मन की बात के जरिए रेडियों पर लोगों से जुड़ें। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं मन की बात करता हूं तो शब्द भले ही मेरे हैं, लेकिन कथा आपकी है, मैं तो सिर्फ अपनेे शब्द और वाणी का प्रयोग करता था। एक खालीपन महसूस कर रहा था, एक बार मन कर रहा था कि चुनाव खत्म होने के बाद ही आपसे जुड़ जाउं। लेकिन सोचा की पहले की परंपरा बनाए रखूं।
वर्ष 2019 में योग के प्रमोशन और डेवलेपमेंट में योगदान देने वालों को दुनियाभर के उन लोगों को अवार्ड दिया गया है। जापान, इटली में लोग योग के लिए विशेष काम कर रहे हैं। बिहार योग विद्यालय को भी सम्मानित किया गया है। स्वामी राजस्व मुनि को भी सम्मानित किया गया है। मन की बात निमित्त है, आईए आपकी बात करता हूं, आपा आशीर्वाद बना रहे, आप ही मेरी प्रेरणा और ऊर्जा हैं। फिर एक बार अगले महीने मन की बात के लिए फिर से मिलूंगा।
पीएम ने कहा कि मैं देशवासियों से तीन संकल्प चाहता हूं
1- मेरा पहला अनुरोध है कि जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को जनआंदोलन का रूप दिया, आईए हम सब मिलकर पानी की एक बूंद को बचाने का संकल्प लें। पानी परमेश्वर का आशीर्वाद है, पानी पारस है, पारस से पानी के स्पर्श से नवजीवन निर्मित हो जाता है। हमे पानी की एक एक बूंद को बचाने के लिए जागरूकता अभियान की शुरुआत करनी चाहिए। अलग-अलग क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोगों से अपील करता हूं कि ये लोग अपने स्तर से इस आंदोलन का नेतृत्व करें।
2- मैं आप सभी से अपील करता हूं कि आप जल संरक्षण के पुराने पारंपरिक साधनों का इस्तेमाल करें। मैं हमेशा कहता था कि जो भी कीर्ति मंदिर जाए वह वहां पानी की टंकी को देखें।
3- जल संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम करने वाले लोगों की जानकारी को लोगों के साथ साझा करें। आइए हम जल संरक्षण से जुड़े ज्यादा से ज्यादा तरीकों की एक सूचि बनाकर लोगों को प्रेरित करें। आप सभी #jalshaktiforjanshakti पर अपने विचार साझा करें।
लोग जल संरक्षण के लिए तैयार
जल की महत्ता को सर्वोपरि रखते हुए देश में नया जलशक्ति मंत्रालय बनाया गया है। कुछ दिन पहले मैंने कुछ अलग करने का प्रयास किया। मैंने देशभर के सरपंचो को पत्र लिखा। पानी बचाने के लिए वह ग्रामसभा की बैठक बुलाकर वह गांववालों के साथ विचार विमर्श करें। इस महीने की 22 तारीख को करोड़ों लोगों ने जल संचय का संकल्प लिया। पीएम ने एक सरपंच के संदेश का जिक्र किया। पीएम ने कहा कि बिरसा मुंडा की धरती, यहां के लोग जल संरक्षण के लिए अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
जल संकट
गुजरात में बांचे गुजरात में हर आयु वर्ष के लोगों ने पुस्तक पढ़ने के अभियान में हिस्सा लिया। आपसे आग्रह करूंगा कि अपने डेली रूटीन में किताब को भी जगह दें। जो भी पुस्तक पढ़ें उसके बारे में नरेंद्र मोदी एप पर जरूर लिखें, जिससे देश के लोग जान सके। मेरे देश के लोग उन मुद्दों के बारे में सोच रहे हैं जो देश के लिए अहम हैं। पानी की समस्या को लेकर कई लोगों ने बहुत कुछ लिखा है। पानी का हमारी संस्कृति में बहुत बड़ा महत्व है। पीएम मोदी ने एक श्लोक का जिक्र का करते हुए कहा कि जल ही जीवनदायिनी शक्त के समान ऊर्जा का स्रोत है। साल भर में वर्षा से जो पानी प्राप्त होता उसका सिर्फ 8 फीसदी हमारे देश में बचाया जाता है। समय आ गया है कि इस समस्या का समाधान निकाला जाए।
प्रेमचंद की कहानी से मिली प्रेरणा
मेरा आग्रह था कि क्या लोग बुके की जगह किताबें दे सकते हैं। मुझे किसी ने प्रेमचंद की कहानियों की पुस्तक दी, मैंने उसे फिर से पढ़ा। प्रेमचंद की कहानियों ने मेरे मन को छू लिया। जब मैं उनकी लिखी नशा नाम की कहानी पढ़ रहा था तो मेरा मन समाज में व्याप्त विषमताओं पर चला गया। इस कहानी से सीख मिलती है कि अगर आप सावधान नहीं हैं तो बुरी संगति कब बिगाड़ देती है पता नहीं चलती। दूसरी कहानी मैंने ईदगाह पढ़ी, जिसमे पांच साल का हामिद जब अपनी दादी के पास पहुंचता है, वह भावुक करती है। बच्चे हामिद ने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था। इसके अलावा मैैंने पूस की रात की कहानी पढ़ी। अपनी फसल नष्ट होने के बाद भी हल्दू किसान इसलिए खुश होता है कि उसे अब कड़ाके की ठंड में नहीं सोना पड़ेगा। इन्हें पढ़ने के बाद मुझे अलग प्रकार की अनुभूति हुई।
61 करोड़ ने किया मतदान
भारत में 2019 के चुनाव में 61 करोड़ लोगों ने मतदान किया। चीन को छोड़ देश में दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा लोगों ने वोट दिया था। भारत में कुल मतदाताओं की जितनी संख्या वह पूरे यूरोप से ज्यादा है। 2019 का चुनाव दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा चुनाव था। लाखों अधिकारियों, शिक्षकों की मेहनत से यह चुनाव सफल हुआ। लोगों की कड़ी मेहनत के फलस्वरूप पिछली बार से अधिक मतदान हुआ। 10 लाख पोलिंग स्टेशन, 40 लाख से ज्यादा ईवीएम, 17 लाख से ज्यादा वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया गया। दुनिया में सबसे ज्यादा उंचाई पर स्थित मतदान केंद्र हिमाचल प्रदेश में स्थित है। इस चुनाव में महिलाओं और पुरुषों का मतदान फीसदी लगभग बराबर है।
लोगों के संदेश मिले
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे कुछ दिनों में कई सारे संदेश मिले, उन्होंने कहा कि वह मन की बात की मिस कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह मेरे लिए अहम से वहम की यात्रा है। कई लोगों ने मुझे चुनाव की आपाधापी में पूछा कि मैं केदारनाथ क्यों चला गया। आपका हक है। चुनाव की इस आपाधापी, के बीच मैं केदारनाथ चल पड़ा, लोगों ने इसके राजनीतिक अर्थ निकाले, लेकिन यह मेरे लिए मुझसे मिलने की यात्रा थी। मन की बात की वजह से जो खालीपन था, उसकी कमी केदारनाथ में गुफा में पूरी हुई।
आपसे प्रेरणा मिलती है
मैं लगातार आपकी बातो में सकारात्मक प्रयास महसूस करता हूं। एक प्रकार से आपकी चिट्ठी मेरे लिए प्रेरणा और उर्जा का कारण बन जाती है। लोग देश और समाज के सामने खुली चुनौतियों को सामने रखते हैं। लोग चिट्ठियों में समस्याओं के साथ समाधान की भी कल्पना प्रकट कर देते हैं। कोई स्वच्छता, कोई पर्यावरण की चिंता करता है और वह अपने किए गए प्रयोग, कल्पनाओं को भी चित्रित करता है। मन की बात देश और समाज के लिए एक आइने की तरह है। यह बताता है कि देशवासियों के भीतर अंदरूनी ताकत की कोई कमी नहीं है। जरूरत है उसे अवसर प्रदान करने की।
लोग देश के विकास में जुड़ना चाहते हैं
देश की तरक्की में 130 करोड़ देशवासी मजबूती और सक्रियता से जुड़ना चाहते हैं। बहुत कम लोग ही शिकायत के भाव से चिट्ठी लिखता है, लोग अपने लिए कुछ भी मांगते नहीं। जब मैं इन चीजों का विश्लेषण करता हूं तो मुझे बहुत ऊर्जा मिलती है। यही नाता मैं मिस करता था। जब मैंने आखिरी में कहा था कि मैं तीन चार महीनों में मिलूंगा तो लोगों ने मजाक उड़ाया, लेकिन मुझे आप लोगों पर भरोसा था। मैं आया नहीं हूं, आप मुझे लाए हैं, आपने ही मुझे बैठाया है, आपने ही मुझे फिर से एक बार बोलने का अवसर दिया है।
जब देश में आपातकाल लगाया गया तो उसका विरोध नेताओं, जेल तक नहीं सिमटा, बल्कि लोगों के भीतर तड़प थी, लोकतंत्र में सामान्य अधिकार क्या होता है, इसकी अनुभूमित आपातकाल में महसूस हुई थी। ऐसा लग रहा था लोगों से उनका बहुत कुछ छीन लिया गया। लोगों ने पहली बार इससे मुक्ति के लिए एकजुट होकर मत दिया।