मोदी कैबिनेट में राजनाथ को गृह मंत्रालय, अरुण को वित्त और सुषमा स्वराज को विदेश मंत्रालय
गुजरात भवन के अंदर 26 मई काे सुबह नरेंद्र मोदी ने उन सभी संभावित मंत्रियोंं को चाय पर बुलाया था जो आने वाले दिनों में मोदी के सबसे करीबी होने वाले हैं। इन मंत्रियों में प्रमुख रूप से भाजपा के राष्अ्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज और अरुण जेटली शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो नरेंद्र मोदी स्वयं रक्षा मंत्रालय संभालेंगे और देश पर हाने वाले आक्रमणों का करारा जवाब देंगे।
भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को सौंपी गई मंत्रियों की सूची में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं का नाम शामिल है। सूत्रों के मुताबिक, राजनाथ सिंह को गृ मंत्रालय, सुषमा स्वराज को विदेश मंत्रालय और अरुण जेटली को वित्त मंत्रालय का कार्यभार दिया जा सकता है। इसके अलावा भाजपा के वैंकेया नायडू, कलराज मिश्रा, रविशंकर प्रसाद और मेनका गांधी को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
साथ ही, गडकरी को बुनियादी ढांचा से जुड़े मंत्रालयों में से एक की जिम्मेदारी दी जा सकती है। गीते को भी कैबिनेट मंत्रालय मिलेगा। सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और राजीव प्रताप रूडी को कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है। सुमित्रा महाजन या करिया मुंडा को स्पीकर बनाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि 75 साल से अधिक उम्र के लोग कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे।
मोदी
कैबिनेट
की
कार्यप्रणाली:
मोदी
ने
सरकार
का
पुनर्गठन
इस
तरह
से
करने
का
निर्णय
किया
है
जिसमें
एक
एक
कैबिनेट
मंत्री
कई
विभागों
की
कमान
संभालेंगे।
प्रधानमंत्री
पद
की
शपथ
ग्रहण
करने
से
एक
दिन
पहले
मोदी
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
विभिन्न
मंत्रालयों
की
गतिविधियों
को
साथ
लाने
पर
बल
दिया
जा
रहा
है
जहां
एक
एक
कैबिनेट
मंत्री
उन
मंत्रालयों
के
समूह
की
अगवाई
करेंगे
को
एक
दूसरे
के
पूरक
के
रूप
काम
कर
रहे
हैं।
मोदी
के
गुजरात
भवन
स्थित
सचिवालय
से
जारी
एक
बयान
में
कहा
गया
है
कि
अपने
मंत्रिमंडल
के
गठन
में
मोदी
ने
‘न्यूनतम
सरकार
और
अधिकतम
शासन'
और
‘कार्य
संस्कृति
एवं
शासन
की
शैली
में
बदलाव
लाने
की
प्रतिबद्धता
के
साथ
युक्तिसंगत
होने'
के
सिद्धांत
को
अपनाया
है।