दुनिया के सबसे बड़े नरेंद्र मोदी स्टेडियम के वो 10 अनोखे फीचर जो इसे बनाते हैं खास
अहमदाबाद। बुधवार को भारत में एक खबर जिसने जनता से लेकर राजनेताओं तक सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा वह गुजरात के अहमदाबाद में स्थित दुनिया के सबसे क्रिकेट स्टेडियम का नामकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर करना था। मोटेरा स्टेडियम अब नरेंद्र मोदी स्टेडियम के नाम से जाना जाएगा। इसके उद्घाटन के अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अब अहमदाबाद को भारत के स्पोर्ट्स सिटी के रूप में पहचाना जाएगा।
सरदार पटेल स्टेडियम से नाम बदलकर रखा नरेंद्र मोदी स्टेडियम
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सरदार पटेल क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन किया जिसे बदलकर इसका नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया गया। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीसीसीआई सचिव जय शाह और खेल मंत्री किरेन रिजिजू जैसे बड़े नाम शामिल थे। उद्घाटन के बाद बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि "हम इसका नामकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नाम पर कर रहे हैं। यह मोदी जी का ड्रीम प्रोजेक्ट था।"
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए अमित शाह ने एक नए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण की घोषणा की जिसका नाम सरदार पटेल स्पोर्ट्स एनक्लेव के नाम पर रखा जाएगा। नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम सरदार पटेल स्पोर्ट्स एनक्लेव का ही हिस्सा होगा। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के तैयार होने के बाद अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी कर सकेगा।
अमित शाह ने कहा कि "सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम के साथ ही नारायणपुरा में भी एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण होगा। ये तीनों मिलकर किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता की मेजबानी करने में सक्षम होंगे।" सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की भव्यता के बारे में बताते हुए शाह ने कहा कि यहां पर ओलम्पिक खेल भी आयोजित कराए जा सकते हैं। उद्घाटन समारोह में शाह ने स्टेडियम की खूबियों पर भी चर्चा की।
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गुजरात स्टेडियम से सरदार पटेल स्टेडियम
सरदार पटेल, मोटेरा से होते हुए अब भले यह नरेंद्र मोदी स्टेडियम के नाम से जाना जाएगा लेकिन कभी इस स्टेडियम गुजरात स्टेडियम के नाम से जाना जाता था। 1982 के पहले जब तक स्टेडियम का र्निमाण नहीं हुआ था अंतरराष्ट्रीय मैच अमहदाबाद नगर निगम के स्टेडियम में खेले जाते थे।
1982 में गुजरात सरकार ने साबरमती नदी के किनारे 100 एकड़ जमीन नए स्टेडियम के निर्माण के लिए दान दी थी। ये स्टेडियम 9 महीने में बनकर तैयार हुआ था और इसका नाम सरदार पटेल स्टेडियम रखा गया था। सरदार पटेल स्टेडियम में 1982 से 2016 के बीच 12 टेस्ट, 23 एकदिवसीय मैच और एक टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला गया।
सरदार पटेल से नरेंद्र मोदी स्टेडियम का सफर
दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम को फिर से बनाने का विचार प्रधानमंत्री मोदी को तब आया था जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री और गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे। 2016 के बाद पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई।
पुनर्निर्माण के बाद पहली बार मोटेरा स्टेडियम को आम लोगों के लिए तब खोला गया था जब इसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम की मेजबानी की। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ यहां पहुंचे थे। इस साल की शुरुआत में जब सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के नॉकआउट चरण में क्रिकेट मैच आयोजित किए गए थे।
बुधवार को भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे टेस्ट से कुछ घंटे पहले स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया गया।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम की वो बातें जो बनाती हैं इसे खास
- नरेंद्र मोदी स्टेडियम अहमदाबाद में 63 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है।
- इस स्टेडियम को बनाने में लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत आई है।
- यह दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम के साथ ही सबसे बड़ा स्पोर्ट्स स्टेडियम भी है।
- नरेंद्र मोदी स्टेडियम एक दिन में दो अलग-अलग खेलों की मेजबानी कर सकता है।
- इस स्टेडियम में 1.32 लाख दर्शकों के बैठने की क्षमता है जो आस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट स्टेडियम से भी बड़ा है। मेलबर्न में 90 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है।
- नरेंद्र मोदी स्टेडियम में विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस 4 ड्रेसिंग रूम बने हुए हैं।
- 55 कमरों वाला क्लब हाउस इस स्टेडियम की शोभा को और बढ़ा देता है।
- क्लबहाउस में इनडोर और आउटडोर गेम्स के साथ ही रेस्टोरेंट और ओलम्पिक के साइज का स्विमिंग पूल, जिम के साथ ही 3डी प्रोजेक्टर थियेटर भी मौजूद है।
- ये देश का पहला स्टेडियम है जहां पर मैदान में एलईडी लाइट फिट की गई है। किसी भी दूसरे स्टेडियम में यह सुविधा नहीं है। स्टेडियम में प्रवेश के लिए तीन एंट्री पाइंट बनाए गए हैं।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम के नाम से जाना जाएगा मोटेरा स्टेडियम, 12 साल पहले शुरू की थी यहां से पारी