इमरजेंसी पर बोले मोदी, सत्ता सुख के लिए नेहरू-गांधी परिवार ने हिंदुस्तान को जेलखाना बनाया
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नई दिल्ली। देश में 1975 में लागू की गई इमरजेंसी के 43 साल होने पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार को निशाने पर लिया है। मुंबई के मातुश्री ऑडिटोरियम में मोदी ने कहा कि देश के इतिहास के लिए ये एक काला दिन है। मोदी ने कहा कि देश ने कभी सोचा तक नहीं था कि सत्ता सुख के मोह में और परिवार भक्ति के पागलपन में, लोकतंत्र और संविधान की बड़ी बड़ी बातें करने वाले लोग हिन्दुस्तान को जेलखाना बना देंगे। एक परिवार के लिए संविधान का किस प्रकार से साधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है, शायद ही ऐसा उदाहरण कहीं मिल सकता है ।
कुर्सी जाती देख चिल्लाती है कांग्रेस
नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोई ये समझने की गलती ना करे कि हम सिर्फ देश में आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना करने के लिए काले दिन का स्मरण करते हैं। हम देश की वर्तमान और भावी पीढ़ी को जागरूक करना चाहते हैं, हम लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को सज्ज रखने के लिए इसका स्मरण करते हैं।
जब-जब कांग्रेस पार्टी को और खासकर एक परिवार को अपनी कुर्सी जाने का संकट महसूस हुआ है तो उन्होंने चिल्लाना शुरू किया है कि देश संकट से गुजर रहा है, देश में भय का माहौल है और देश तबाह हो जाने वाला है और इसे सिर्फ हम ही बचा सकते हैं।
आपातकाल के समय न्यायपालिका को डराया: मोदी
नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आपातकाल के समय न्यायपालिका को भयभीत कर दिया था, जो लोकतंत्र के प्रति समर्पित थे उनको मुसीबत झेलने के लिए मजबूर कर दिया गया था और जो लोग एक परिवार के पक्ष में थे उनकी पांचों उंगलियां घी में थी। कांग्रेस को लेकर मोदी ने कहा कि जिस पार्टी के अंदर लोकतंत्र ना हो उनसे लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। जिन्होनें देश के संविधान को कुचल डाला हो, देश के लोकतंत्र को कैदखाने में बंद कर दिया हो, वो आज भय फैला रहे हैं कि मोदी संविधान को खत्म कर देगा।
किशोर कुमार के गानों को रेडियो पर नहीं बजने दिया गया
पीएम मोदी ने कहा कि आपातकाल में नेताओं को तो जेलों में डाला ही गया, कलाकारों को भी नहीं छोड़ा गया। किशोर कुमार ने कांग्रेस के लिए नहीं बोला तो उनके गाने तक रेडियो पर नहीं बजने दिए गए। मोदी ने कहा कि लोकतंत्र के प्रति आस्था को मजबूत करने के लिए हमें आपातकाल के इस काले दिन को भूलना नहीं चाहिए और भूलने देना भी नहीं चाहिए।