मोदी की बनी सरकार तो इन 4 राज्यों पर बजेगी खतरे की घंटी
कहने का तात्पर्य ये कि अगर नरेन्द्र मोदी देश के पीएम बने तो देश के चार राज्यों की परेशानियां बढ़ जाएगी। इन राज्यों में गैर-बीजेपी सरकार है और बहुमत का मामला काफी नाजुक है। बीजेपी सूत्रों की मानें तो पार्टी बदले की भावना से काम नहीं करना चाहेगी, लेकिन बिहार, दिल्ली, झारखंड और उत्तराखंड की राज्य इकाइयों से मौजूदा शासन को बदलने का जबरदस्त दबाव है।
केंद्र में सत्ता बदलने पर बाकी पार्टी के विधायक भी दल-बदल को लेकर सक्रिय हो सकते हैं और इससे बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के गठन या फिर से विधानसभा चुनाव जैसी सूरत बन सकती है। 2008 में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने ऑपरेशनल लोटस पर काम किया था। इस अभियान के तहत कांग्रेस और बाकी पार्टियों के विधायकों ने इस्तीफा देकर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, ताकि बीजेपी को पूर्ण बहुमत हासिल हो सके। इस बार लोकसभा चुनाव में भी भाजपा कुछ ऐसा ही फॉर्मूला अपना रही है।
गौर करने वाली बात ये भी है कि बाजपा नेता जनसभाओं में भी इन चार राज्यों में सरकार बदलने की संभावना के बारे में बोलते रहे हैं। खुद भाजपा के पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा था कि ये मुमकिन है कि कुछ राज्य सरकारें खुद ही भंग हो जाएं। उन्होंने कहा था कि हम लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई राज्य सरकार को अस्थिर नहीं करेंगे। हो सकता है कि आंतरिक लड़ाई के कारण ऐसी सरकारें खुद ही गिर जाएं।
अगर बिहार की बात करे तो भाजपा निश्चित तौर पर जेडीयू से बदला लेने के मूड में है। भाजपा के बड़े नेता खुलेआम कह चुके है कि केंद्र में एनडीए की सत्ता आने पर जेडी(यू) सरकार को जाना पड़ेगा। झारखंड की ओर रुख करे तो यहा अभी किसी भी दल को बहुमत नहीं है। ऐसे में केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने पर यहां असर पड़ना लाजिमी है। वहीं दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा है। एनडीए की सरकार बनने पर यहां भी उलटफेर तय है।