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आप की अदालत में नरेन्‍द्र मोदी: इंटरव्‍यू के कुछ खास अंश और वीडियो

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Narendra Modi in Rajat Sharma's Aap Ki Adalat
नयी दिल्‍ली (ब्‍यूरो)। देश के सबसे लोकप्रिय नेता और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार नरेन्‍द्र मोदी ने इंडिया टीवी को इंटरव्‍यू दिया। नरेन्‍द्र मोदी का किसी भी भारतीय मीडिया को दिया गया ये पहला इंटरव्‍यू था। जी हां इंडिया टीवी के लोकप्रिय शो 'आप की अदालत' में नरेन्‍द्र मोदी ने रजत शर्मा के कई सवालों का जवाब दिया।

नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो देश के हर लाल हर उन चीजों का हकदार होगा जिन चीजों का हकदार नरेन्‍द्र मोदी है। रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि मुसलमान बच्चों के एक हाथ में कुरान और दूसरे में कंप्यूटर हो। तो चलिए आपको नरेन्‍द्र मोदी के एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू के कुछ खास अंश बताते हैं। इंडिया टीवी की वेबसाइट से लिए गये इंटरव्‍यू के कुछ खास अंश-

सवाल: कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता आनंद शर्मा कॉमर्स मिनिस्टर हैं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी की पब्लिसिटी पर 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं?

जवाब: पहला काम आनंद शर्मा को इलेक्शन कमिशन को चिट्ठी लिखनी चाहिए, दूसरा, इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट होता है भारत सरकार में उसको लिखना चाहिए कि यह 10 हजार करोड़ आए कहां से, किसके पास आए, इसकी जांच करो। कम से कम बाकी सब कामों में उनकी सरकार विफल रही है, उनको कुछ करने का सूझता नहीं है। मैं उनको आइडिया देता हूं। कम से कम ये काम करो, अभी 30-40 दिन बाकी हैं। पूरी सरकारी मशीनरी लगा दो और देश के सामने कच्चा-चिट्ठा खोल दो। मैं आनंद शर्मा को निमंत्रण देता हूं कि जितना हो सके उतना जल्दी करो। अच्छा, इलेक्शन कमिशन को...आचार संहिता के कारण कोई रुकावट आती हो, तो ये ऐसा कर सकते हैं। मैं इलेक्शन कमिशन को लिख कर देने को तैयार हूं कि आनंद शर्मा और सोनिया की सरकार, जितनी भी मोदी की जांच करनी हो, तो तत्काल कर लें मुझे अच्छा लगेगा।

सवाल: अखिलेश यादव आपकी अदालत में आए थे, उन्होंने मुझे (रजत शर्मा) कहा कि नरेंद्र मोदी ने ये प्रचार, ये अबकी सरकार, ये सब नारा बनाने के लिए एक अमेरिकी एजेंसी को हायर किया है। उसको एक हजार करोड़ रुपये दिए हैं?

जवाब: एक तो ऐसा कुछ किया नहीं है, ना ही ऐसी कोई कंपनी रखी है और ना मैं ऐसी किसी कंपनी को मिला हूं। अब ये झूठ कई दिनों से चल रहा है, अच्छा हुआ आपने मुझे ये सवाल पूछ लिया, ताकि मुझे सच कहने का मौका मिल गया। यदि सचमुच में एक हजार करोड़ की कंपनी रखी होती, तो शायद ये कंपनी वाली बात भी अखबार में नहीं छपती। उसकी इतनी ताकत होती ना कि क्या छपवाना है क्या नहीं छपवाना है, तो इसका मतलब...

सवाल: लेकिन, राहुल गांधी जी कहते हैं, मोदी जी ऐसे आदमी हैं कि ये गंजों को कंघा बेच सकते हैं?

जवाब: मैं चाय बेचता था। कंघे तो मैंने बेचे नहीं हैं। लेकिन, मैं यह कर सकता हूं। यह इन तक पहुंच गया, ये मेरी सफलता है। यह मेरी सफलता है।

सवाल: जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने बड़ा गंभीर चार्ज लगाया हैं, उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जब पंजाब गए तो सरदारों की दस्तार कबूल की। अरुणाचल प्रदेश गए तो उनकी टोपी कबूल की। असम गए तो उनकी वेश-भूषा कबूल की, लेकिन जब इमाम साहब ने टोपी पहनाने की कोशिश की तो लौटा दिया, इनकार कर दिया?

जवाब: मैंने अब तक गांधी जी को ऐसी कोई टोपी पहना हुआ देखा नहीं है। मैंने सरदार बल्लभ भाई पटेल को इस प्रकार की टोपी पहनकर फोटो निकाला हुआ नहीं देखा। मैंने पंडित नेहरू को भी कभी इस प्रकार की टोपी पहने नहीं देखा, तो यह एक भारत की राजनीति में विकृति आई है और विकृति ये आई है कि अपीजमेंट के लिए कुछ भी करो। मैं मानता हूं मेरा काम है सब संप्रदाय का सम्मान करना देश ।

सब परंपरा का सम्मान करना, पर मेरी तो परंपरा है उसे मुझे स्वीकार करना है। मैं मेरी परंपराओं को लेकर जीता हूं, हर एक की परंपरा का सम्मान करता हूं और इसलिए मैं ये टोपी पहन के फोटो निकल कर के लोगों के आंख में धूल झोंकने का पाप मैं नहीं कर सकता, लेकिन कोई अगर किसी की टोपी उछालता है तो उसको कड़ी से कड़ी सजा करने का मन रखता हूं। वह टोपी किसी भी संप्रदाय की क्यों न हो, वह पगड़ी किसी परंपरा कि क्यों न हो, उसको अगर कोई उछालता है तो उछालने वाले पर कड़ी से कड़ी सजा हो, ये जिम्मा शासन में बैठे हुए लोगों का होता है और उसमें मैं प्रतिबद्ध हूं।

सवाल: लेकिन, नीतीश जी ने एक बार कहा था कि आप जब सार्वजनिक जीवन में होते हैं, पब्लिक लाइफ में होते हैं तो कभी तिलक लगाना पड़ता है, कभी टोपी पहननी पड़ती है, दूसरों की भावनाओं का ध्यान रखना पड़ता है?

जवाब: उनको लगता है कि ऐसा करने से भावनाएं संभल जाती है, वह ये करें, मुझे लगता है कि उनके बच्चों को शिक्षा मिलनी चाहिए, उनके हाथ में भले कुरान हो, उनके हाथ में कंप्यूटर भी होना चाहिए। ये मेरी सोच है...तो उनकी सोच उनको मुबारक, मेरी सोच मुझे मुबारक।

सवाल: देखिए, आपकी सोच का और आपके शब्दों के चयन का क्या हाल होता है उसका मैं उदाहरण देता हूं। आज़म खां साहब उत्तर प्रदेश की सरकार में मंत्री हैं, उन्होंने कहा आज़ादी के 60 वर्ष बाद कहा गया कि हम आदमी नहीं हैं, कुत्ते के पिल्ले हैं?

जवाब: जिसने कहा हो, उसने गलत किया है। कौन है ऐसा कहने वाला...

सवाल: ये आपने ही कहा था...

जवाब: मैं ऐसा न सोच सकता हूं न बोल सकता हूं...

सवाल: नहीं पूरी बात तो सुन लीजिए। मैं आपको पूरी बात बता हूं। आपसे पूछा गया सवाल 2002 में जो हुआ, उसका आपको अफसोस है। आपने कहा सुप्रीम कोर्ट दुनिया में अच्छी अदालत के तौर पर जाना जाता है, इसकी रिपोर्ट में मुझे पूरी तरह क्लीन चिट दी गई। इससे अलग एक बात यह, कोई भी व्यक्ति जो कार ड्राइव कर रहा हो और हम पीछे बैठे हों, कुत्ते का छोटा बच्चा पहिए के नीचे आ जाए तो दुख होगा कि नहीं, जरूर दुख होगा। मैं मुख्यमंत्री हूं या नहीं लेकिन मैं एक इंसान हूं?

जवाब: हमारे देश में ऐसा कहते हैं कोई भी...अरे भाई चींटी मर जाए तो भी पीड़ा होती है। यह आपकी संवेदना का तीव्रता को व्यक्त करने के लिए मुहावरे होते हैं। उसको अगर कोई यह कहे कि आपने इंसान को चींटी कह दिया, तो मैं समझता हूं इस प्रकार का इंटरप्रटेशन करने वालों का प्रॉबल्म है। दूसरा, जिसने मेरा इंटरव्यू लिया था जब हिंदुस्तान के मीडिया को लोगों ने जब इसको उछाल दिया, जिसने मेरा इंटरव्यू लिया था वह विदेशी होने के बावजूद भी उसने ट्वीट किया कि मोदी ने न ऐसा कहा है, न हमने ऐसा समझा है, ये गलत इंटरप्रटेशन हो रहा है। यानी इंटरव्यू लेने वाला एक विदेशी ने भी मेरी संवेदना को समझ पाया, लेकिन जो न्यूज़ ट्रेडर्स हैं, मैं मीडिया की बात नहीं कर रहा हूं, मीडिया तो बहुत अच्छा है, मीडिया की ताकत बहुत अहम है...इसलिए मुझे मीडिया के खिलाफ कुछ नहीं कहना है... लेकिन जो न्यूज़ ट्रेडर्स हैं, ये न्यूज़ ट्रेडर्स के लिए माल बेचने का काम आता है...

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सवाल: लेकिन, आज़म खा का आज का जो बयान है आपको बताता हूं... उन्होंने कहा कि एक कुत्ते का बच्चा मोटर के पहिए के नीचे आ जाए तो गम जरूर होता है हमें तुम्हारा गम नहीं चाहिए...बड़े भाई, कुत्ते के बच्चे के बड़े भाई नरेंद्र मोदी जी हमें तुम्हारा गम नहीं चाहिए?

जवाब: थैंक्यू वेरी मच...क्योंकि वफादारी में कुत्ते से बढ़कर कोई होता नहीं है और मुझे गर्व है, मुझे इस बात का गर्व है कि मुझ में इस वफादारी के गुण किसी ने देखे हैं जो मेरे देश के काम आएंगे।

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English summary
Narendra Modi in Rajat Sharma's Aap Ki Adalat.
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