वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन, पढ़िए पूरा भाषण
दावोस। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 48वीं बैठक के उद्घाटन भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि 1997 में जीडीपी 4 बिलियन डॉलर के करीब थी, अब 21 साल बाद छह गुना ज्यादा हो चुकी है। पीएम मोदी ने कहा कि उस समय यूरो नहीं था, ब्रेक्सिट नहीं था। उस समय ना लादेन था और ना हैरी पॉटर था। पीएम मोदी ने कहा कि 1997 में गूगल नहीं था और ना कंप्यूटर से शतरंज खिलाड़ियों को हारने का खतरा था और ना ही एमेजॉन था। पीएम मोदी ने कहा कि ट्वीट करना चिड़ियों का काम था। 1997 में पिछली बार भारतीय प्रधानमंत्री इसमें शामिल होने के लिए आए थे। उस समय एचडी देवगौड़ा ने इस बैठक में शिरकत की थी। दावोस में पीएम मोदी ने कहा कि दरार-दूरियों को मिटाकर हम साझा सपनों को साकार कर सकते हैं। अनादिकाल से हम मानव मात्र को जोड़ने में भरोसा करते आए हैं। हम जोड़ने में विश्वास करते आए हैं तोड़ने में नहीं। वसुधैव कुटुम्बकम की धारणा दरारों और दूरियों को मिटाने में कारगर है लेकिन इसके लिए असहमति का अभाव है। प्रधानमंत्री मोदी ने निवेशकों को लुभाते हुए कहा कि वेल्थ के साथ वेलनेस चाहते हैं तो भारत आइए। हेल्थ के साथ होलनेस चाहते हैं तो भारत आइए। प्रॉस्पैरिटी के साथ पीस चाहते हैं तो भारत आइए।
WEF की बैठक में पीएम मोदी
पीएम मोदी ने संबोधन में बताया कि अब हम बिग डेटा के जमाने में जी रहे हैं। डेटा बहुत बड़ी संपदा है, ये सबसे बड़े अवसर हैं और चुनौतियां भी हैं। जो डेटा को काबू में करेगा वही भविष्य पर अपना वर्चस्व बनाएगा। डेटा ही दुनिया का भविष्य, जो इस पर काबू रखेगा वही आगे जाएगा। टेक्नॉलजी ने दुनिया को बदल दिया है। पीएम मोदी ने बताया कि दो दशक पहले दावोस में कोई भारतीय प्रधानमंत्री आए थे।
'इस समय दुनिया के सामने तीन बड़ी चुनौतियां हैं'
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के सामने इस समय तीन बड़ी चुनौतियां हैं। जलवायु परिवर्तन एक बहुत बड़ी चुनौती है। जलवायु परिवर्तन को काबू करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। मानव धरती की संतान है, फिर धरती के साथ ही ऐसा बर्ताव क्यों? हम प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रहे हैं। इन संसाधनों को जरूरत के हिसाब से उपयोग करना चाहिए, लालच की पूर्ति के लिए संसाधनों का उपभोग सही नहीं है। महात्मा गांधी ने भी प्राकृतिक संसाधनों के शोषण का विरोध किया।
'पढ़े-लिखे लोगों का आतंकवाद में सम्मिलित होना बेहद खतरनाक है'
पीएम मोदी ने कहा कि मानव सभ्यता के लिए तीन सबसे बड़े खतरे हैं। पहला खतरा है क्लाइमेट चेंज, जिसमें ग्लेशियर पिघलने से बहुत से इलाके डूब रहे हैं। मौसम में तीव्र और अचानक बदलाव आ रहा है। दूसरा बड़ा खतरा आतंकवाद है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की इस चिंता से पूरी दुनिया परिचित है, आतंकवाद जितना खतरनाक है उतना ही खतरनाक है गुड और बैड टेरेरिज्म में भेद करना। पढ़े-लिखे लोगों का आतंकवाद में सम्मिलित होना बेहद खतरनाक है। तीसरा बड़ा खतरा इस बात से है कि ज्यादा से ज्यादा देश आत्मकेंद्रित होते जा रहे हैं। इस मनोवृत्ति को आतंकवाद और क्लाइमेट चेंज की चुनौती से कम नहीं मान सकते। ग्लोबलाइजेशन की चमक फीकी होती जा रही है। वैश्विक संस्थाओं के कामकाज और प्रक्रिया की समीक्षा जरूरी है।
हमने सबके विकास का संकल्प लिया: पीएम मोदी
दावोस में पीएम मोदी ने कहा कि भारत का लोकतंत्र, देश की स्थिरता, सतत विकास का आधार है। लोकतंत्र एक राजनीतिक व्यवस्था नहीं, जीवन दर्शन और जीवन शैली है। हमारा लोकतंत्र हमारी विविधता का ही नहीं, सबके सपनों का पूरा करने का काम करता है। हम ने सबके विकास का संकल्प लिया और सबका साथ-सबका विकास का नारा दिया। समावेशी दर्शन मेरी सरकार की हर योजना का आधार है।
भारत में निवेश, उत्पादन पहले से आसान हुआ है: पीएम मोदी
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रान्सफॉर्म हमारी कार्यशैली का सूत्र है। भारत में परमिट राज खत्म कर निवेश को सुगम बना दिया है। एफडीआई के दरवाजे हम ने खोल दिए हैं, हम अब रेड कारपेट बिछा रहे हैं। 1400 पुराने बेकार के कानूनों को खत्म कर दिया गया है। 70 साल बाद एक नेशन-एक टैक्स की व्यवस्था GST लागू किया गया। डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी,और डायनेमिक से हम विकास को बढ़ावा दे रहे हैं।
पीएम मोदी ने निवेशकों को लुभाने के लिए दिया खास 'मंत्र'
प्रधानमंत्री मोदी ने निवेशकों को लुभाते हुए कहा कि वेल्थ के साथ वेलनेस चाहते हैं तो भारत आइए। हेल्थ के साथ होलनेस चाहते हैं तो भारत आइए। प्रॉस्पैरिटी के साथ पीस चाहते हैं तो भारत आइए। पीएम मोदी ने कहा कि साझा चुनौतियों के लिए एकदूसरे का सहयोग बहुत जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय कानूनों और नियमों का सही तरीके से पालन और सम्मान जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में लोकतांत्रिक तरीके से प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देना चाहिए।
टॉप बिजनेस कंपनियों के सीईओ से की राउंड टेबल मीटिंग
इससे पहले पीएम मोदी ने दुनिया की टॉप बिजनेस कंपनियों के सीईओ की राउंड टेबल मीटिंग की। इसमें पीएम मोदी ने बताया कि भारत का मतलब बिजनेस होता है। पीएम मोदी के साथ इस मीटिंग में विजय गोखले, एस जयशंकर और रमेश अभिषेक समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इस बैठक में वैश्विक कंपनियों के 40 और भारत के 20 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस राउंड टेबल मीटिंग का नाम 'इंडिया मीन्स बिजनेस' रखा गया था।
स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से मिले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से भी मुकालात की। इस मुलाकात में दोनों देशों के संबंधों को ओर मजबूत बनाने पर चर्चा हुई। स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा, 'दावोस पहुंचने पर मैंने स्विस कन्फेडरेशन के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से बातचीत की। हमने द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं की समीक्षा की, इसे और मजबूत बनाने पर बात की।'
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