2014 से मोदी सरकार ने विज्ञापनों पर खर्च किए कितने हजार करोड़, मंत्री ने संसद को बताया
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और अन्य मीडिया को दिए विज्ञापन पर 2014 से अब तक कुल 4,880 करोड़ रुपये खर्च किए। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राज्यसभा में यह जानकारी दी। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि 2014-15 में 979.78 करोड़, 2015-16 में 1,160.16 करोड़, 2016-17 में 1,264.26 करोड़ और 2017-18 में 1,313.57 करोड़ रुपए खर्च किए गए। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है।
सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने लोक संपर्क और संचार ब्यूरो (बीओसी) के माध्यम से विज्ञापन पर खर्च का ब्रेक-अप भी उपलब्ध कराया है। इसके मुताबिक, 2,128.33 करोड़ रुपए प्रिंट मीडिया को दिए विज्ञापनों पर खर्च किए गए, जबकि 2,131.57 करोड़ रुपए का खर्च ऑडियो-विजुअल मीडिया को दिए गए विज्ञापनों पर किया गया। इसके अलावा 620 करोड़ रुपए आउटडोर पब्लिसिटी पर खर्च किए। बीओसी के जरिए जो विज्ञापन दिए गए उनमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन और संसद आदर्श ग्राम योजना पर पिछले तीन साल में खर्च का ब्योरा इस प्रकार है।
2015-16 में 52 विज्ञापनों पर 60.9442 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसी प्रकार से 2016-17 में 83.2686 करोड़ रुपए 142 विज्ञापनों पर खर्च किए गए। 2017-18 में 309 विज्ञापनों पर 147.9600 करोड़ रुपए खर्च किए गए। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने एक प्रश्न का भी उत्तर राज्यसभा में दिया। इसमें प्राइवेट टीवी चैनल्स की संख्या के बारे में सवाल पूछा गया था। इस प्रश्न का उत्तर देते हुए राठौड़ ने बताया कि इस समय देश में 867 प्राइवेट चैनलों को आधिकारिक तौर पर ब्रॉडकास्ट की परमिशन है। उन्होंने बताया कि 236 प्राइवेट सैटेलाइट चैनल्स की परमिशन रद्द कर दी गई।