IAS और IPS अधिकारियों के लिए मोदी सरकार ला रही नई कैडर पॉलिसी, जानिए क्या
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा आईएएस, आईपीएस और अन्य अधिकारियों (आईएफओएस) के लिए कैडर आवंटन की नई नीति को अंतिम रूप दे दिया गया है। नई पॉलिसी के तहत इन तीनों सर्विसेस के कैंडिडेट्स को राज्य के बजाए अब जोन चुनने होंगे। इसका मकसद नेशनल इंटीग्रेशन को बढ़ावा देना है। आपको बता दें कि तीनों सेवाओं के अधिकारियों को फिलहाल काम करने के लिए काडर राज्य या राज्यों का एक समूह आवंटित किया जाता है। उन्हें कुछ योग्यता शर्तों के बाद उनकी सेवा के दौरान केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भी तैनात किया जाता है।
पर्सनल मिनिस्ट्री के मुताबिक कार्मिक मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित नई नीति में वर्तमान 26 कैडरों को पांच जोन में विभाजित किया गया है। हालांकि कैंडिडेट्स के सामने इसमें भी ऑप्शन होंगे। जोन एक में सात काडर एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश), जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा शामिल हैं। जोन दो में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और ओडिशा को शामिल किया गया है। जोन तीन में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ हैं तो जोन चार में पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा और नगालैंड हैं। वहीं जोन पांच में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल शामिल हैं।
नई पॉलिसी के तहत वो इन तीनों सर्विसेस के लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स को घटते क्रम (descending order) में अपने जोन बताने होंगे। इसके बाद उन्हें कैडर के हिसाब से जोन चुनने होंगे। एक कैंडिडेट सभी 26 कैडर भी चुन सकता है। बाद में जोन या कैडर में किसी तरह का फेरबदल नहीं किया जा सकेगा। ऐसा करने के पीछे का मकसद देश की अखंडता और एकता को बढ़ावा देना है। इससे अफसरों को उन राज्यों में भी काम करने का मौका मिलेगा जो उसके डोमिसाइल नहीं है।