मोदी कैबिनेट विस्तार: जानिए किसकी हो सकती है एंट्री, कौन जा सकता है बाहर
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी अपने कैबिनेट का विस्तार करने वाले हैं। जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक 2 सितंबर (शनिवार) को कैबिनेट विस्तार हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कैबिनेट में होने वाला यह फेरबदल मोदी सरकार का तीसरा और 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले होने वाला शायद आखिरी विस्तार है। शनिवार इसलिए क्योंकि मोदी तीन से पांच सितंबर के बीच ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन जा रहे हैं। इसलिए उनके मंत्रिमंडल का विस्तार इससे पहले ही होने की संभावना है। तो आईए आपको बताते हैं कि पीएम मोदी के इस नए कैबिनेट में कौन हो सकता है बाहर और किसकों मिल सकती है एंट्री।
पहले जानिए कौन बाहर
मोदी सरकार के करीब आधा दर्जन मंत्रियों उमा भारती, कलराज मिश्र, राजीव प्रताप रूडी , निर्मला सितारमन और गिरिराज सिंह सरीखे मंत्रियों ने अपने इस्तीफे संगठन महामंत्री राम लाल को सौंप दिए हैं। हालांकि राजीव प्रताप रूडी और महेंद्र पांडे के इस्तीफे का औपचारिक ऐलान कर दिया गया है। बाकी लोगों के इस्तीफे की प्रक्रिया को अभी पार्टी ने गोपनीय रखा है।
इनकी हो सकती है एंट्री
कुछ नए मंत्रियों को शामिल भी किया जा सकता है। जेडीयू के एनडीए में शामिल होने के बाद जेडीयू कोटे के दो मंत्रियों का सरकार में शामिल होना तय है। इनमें जेडीयू संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल किया जा सकता है। जेडीयू के दूसरे सांसद को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है।
जेडीयू से राज्यसभा सांसद अनिल सहनी को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है। जेडीयू सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी से अलग होने के बाद जेडीयू अति पिछड़े तबके को साधने की तैयारी में है। ऐसे में पार्टी की तरफ से अतिपिछड़े निषाद जाति से आने वाले अनिल सहनी को बाकी नेताओं पर तरजीह देकर राज्यमंत्री बनाया जा सकता है। अनिल सहनी निषाद समाज से आते हैं जिसका उत्तर बिहार में खासा प्रभाव है।
क्या होंगी कैबिनेट विस्तार की मुख्य संभावनाएं
तमिलनाडु से एआईएडीएमके (अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) और बिहार से जद-यू (जनता दल-यूनाइटेड) केंद्र सरकार का हिस्सा बन सकती है। एआईएडीएमके को एक कैबिनेट मंत्री और दो राज्य मंत्री के पद मिल सकते हैं। वहीं जद-यू को एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री का पद मिल सकता है। कलराज मिश्र जैसे कुछ मंत्रियों को सरकार से हटाकर राज्यपाल बनाया जा सकता है। अभी सात राज्यों में राज्यपाल के पद खाली हैं। इसके अलावा नितिन गडकरी, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, नरेंद्र सिंह तोमर जैसे कुछेक मंत्रियों के प्रदर्शन के मद्देनजर उनका रुतबा बढ़ाया जा सकता है।