हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगाः केंद्र सरकार
नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 34 साल से शिक्षा नीति में परिवर्तन नहीं हुआ था। जावड़ेकर ने कहा, नया अकादमिक सत्र सितंबर-अक्टूबर में शुरू होने जा रहा है और सरकार का प्रयास पॉलिसी को इससे पहले लागू करने का है।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में हायर एजुकेशन सेक्रेटरी अमित खरे ने बताया कि अभी शिक्षा पर कुल जीडीपी का करीब 4.4 फीसदी खर्च हो रहा है लेकिन अब केंद्र सरकार इस खर्च को 6 प्रतिशत तक बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहुप्रतीक्षित नई शिक्षा नीति को बुधवार को आखिरकार मंजूरी दे दी। प्रेस वार्ता की शुरुआत करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने उम्मीज जताई की नई शिक्षा नीति को समाज के सभी वर्गों द्वारा स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने 21वीं सदी के लिए नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पिछले 34 वर्षों में इसमें बदलाव नहीं हुआ है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, यहां नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य सुधार लाना है। उच्च शिक्षा में प्रमुख सुधारों में 2035 तक 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात का लक्ष्य और एकाधिक प्रवेश या निकास का प्रावधान शामिल है। बता दें कि अब मानव संसाधन और विकास मंत्रालय (MHRD) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है। आज इसकी घोषणा की जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा सरकार ने 2019 में ही पेश कर दिया था और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बजट में शिक्षा नीति की घोषणा की थी। पूर्व इसरो चीफ के कस्तुरीरंगन के नेतृत्व वाले पैनल ने ड्राफ्ट तैयार किया था और इसे एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को सौंपा था। ड्राफ्ट को सार्वजनिक किया गया और इसे दो लाख से अधिक प्रतिक्रिया मिली।
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