मोदी सरकार के वो 5 मास्टर स्ट्रोक, जो बदल सकते हैं लोकसभा चुनाव 2019 की बाजी
नई दिल्ली। 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर देश में सियासी हंगामा तेज होने लगा है। चाहे सत्ताधारी पार्टी बीजेपी हो या फिर कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दल, सभी इस चुनावी जंग को जीतने के लिए अपने-अपने अंदाज में रणनीति बना रहे हैं। खास तौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 के रण में घेरने के लिए विपक्षी पार्टियों ने महागठबंधन बनाने का दांव भी चला है। हालांकि उनकी इस रणनीति को असफल करने के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी फ्रंट फुट पर आ गए हैं। उन्होंने मोर्चा संभालते हुए जिस तरह से हाल के दिनों में कई अहम फैसले लिए हैं, उससे ये साबित होता है कि उनकी नजर सिर्फ और सिर्फ 2019 की चुनावी बाजी जीतने पर है। आइये नजर डालते हैं मोदी सरकार के उन 5 फैसलों पर, जो बदल सकते हैं लोकसभा चुनाव 2019 की बाजी...
1. गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण
2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का मास्टर स्ट्रोक खेला है। माना जा रहा है कि SC-ST आरक्षण से जुड़े अध्यादेश पर सवर्णों की नाराजगी झेल रही बीजेपी ने इस प्रस्ताव से उन्हें खुश करने की कोशिश की है। दरअसल, तीन राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान) में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद इस तरह की बात उठ रही थी कि सवर्णों की नाराजगी के कारण बीजेपी को इस हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में सरकार को भरोसा है कि सामान्य वर्ग को ये फैसला पसंद आएगा, अगर ऐसा होता है तो 2019 चुनाव में पार्टी को इसका फायदा मिल सकता है।
इसे भी पढ़ें:- Budget 2019: 5 लाख नहीं 7 लाख रुपये की आय हुई टैक्स फ्री, जानिए कैसे
2. 5 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं
बजट 2019 में मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा देते हुए टैक्स में छूट की सीमा 5 लाख करने का ऐलान कर दिया। अभी तक टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख थी, जिसे अब 5 लाख कर दिया गया है। अंतरिम बजट में पीयूष गोयल के इस ऐलान के साथ ही सैलरी क्लास को लुभाने का बड़ा दांव चला है। इस ऐलान के बाद अब नौकरीपेशा को 5 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है। 40 हजार तक के ब्याज पर टीडीएस नहीं लगेगा। इस फैसले से 3 करोड़ लोग टैक्स के दायरे से बाहर हुए। वहीं कुछ सेविंग के फैसले लेकर सैलरी क्लास को 7 लाख तक की आमदनी पर टैक्स नहीं लगेगा। चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार का ये फैसला अहम साबित हो सकता है।
3. 'हर साल किसानों को 6000 रुपए'
हाल के दिनों में कई बार देखा गया कि किसानों की नाराजगी सामने आई थी और कई बार किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए थे। 2019 चुनाव में कहीं उनकी नाराजगी केंद्र सरकार के लिए मुश्किल का सबब नहीं बन जाए इसलिए बजट 2019 में उनके लिए भी खास ऐलान किया गया। पीयूष गोयल ने बजट भाषण में किसानों को हर साल 6000 रुपये देने की घोषणा की है। इस फैसले से देश के 12 करोड़ छोटे और पिछड़े किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। जिन किसानों के पास 2 हेक्टेअर जमीन है उनके खाते में हर वर्ष 6 हजार रुपए सीधे ट्रांसफर किया जाएगा। इस योजना पर कुल 75000 करोड़ रुपए का सरकार पर अतिरिक्त व्यय आएगा। पीयूष गोयल ने कहा कि इस योजना का नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना है जिसके तहत हर साल किसानों को 6000 रुपए दिया जाएगा। यह पैसा तीन किश्तों में किसानों को उनके बैंक खाते में सीधे दिया जाएगा। वर्ष 2019-20 के लिए कुल 75000 करोड़ रुपए की राशि का प्रस्ताव रखा गया है।
4. 10 करोड़ मजदूरों को पेंशन और बीमा
अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने हर वर्ग को साधने की कोशिश करते हुए मजदूरों को लेकर भी कई बड़े ऐलान किए। कार्यकारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट भाषण में कहा कि 21 हजार सैलरी वाले मजदूरों को 7 हजार का बोनस मिलेगा। पीयूष गोयल ने मजदूरों के लिए श्रमयोगी मानधन योजना की घोषणा की। संगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों, जिनका पीएफ कटता है, उनका 6 लाख का इंश्योरेंस होगा। उन्होंने कहा कि 15 हजार कमाने वालों के लिए मासिक पेंशन का प्रावधान किया गया है। ऑर्गेनाइज्ड लेबर्स के लिए पेंशन स्कीम का ऐलान वित्त मंत्री ने किया। इस स्कीम के लिए 500 करोड़ रुपए जरूरत पड़ने पर दिए जाएंगे। 10 करोड़ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को इसका लाभ मिलेगा। मजदूरों को हर महीने 3 हजार रुपए की पेंशन दी जाएगी। इसके लिए हर महीने 100 रुपए का अंशदान देना होगा।
5. अयोध्या मामला: सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
2019 लोकसभा चुनाव में राम मंदिर मुद्दा भी बेहद अहम माना जा रहा है। खास तौर से संत समाज इस मुद्दे पर लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। ऐसे में सरकार ने अयोध्या मामले पर बड़ा फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस रिट पिटीशन में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि अयोध्या में विवादित जमीन से अलग जो भूमि है उसे उनके मालिकों को वापस कर दी जाए। लगभग 0.3 एकड़ भूमि जो कि विवादित है उसे छोड़कर बाकी 67 एकड़ भूमि जो अधिग्रहित की गई थी, उसे मालिकों को वापस किया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें:- बजट 2019: मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, 5 लाख तक आय वालों को नहीं देना होगा कोई टैक्स