सूरत रेप केस: कोर्ट ने आसाराम के बेटे नारायण साईं को दोषी माना, 30 अप्रैल को सुनाई जाएगी सजा
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सूरत। आसाराम के बेटे नारायण साईं को बलात्कार के आरोप में शुक्रवार को सूरत के सेशन कोर्ट ने दोषी माना है। नारायण साईं के खिलाफ सूरत की दो बहनों ने रेप के आरोप लगाए थे। कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत इसका निर्णय 30 अप्रैल को सुनाएंगी। बता दें कि खुद आसाराम भी रेप में मामले में पहले से ही जोधपुर की जेल में बंद हैं। कोर्ट का यह फैसला 11 साल पुराने एक केस में आया है।
पुलिस ने अक्टूबर 2013 में पीड़ित बहनों के बयान और लोकेशन से मिले सबूतों के आधार पर नारायम साईं और आसाराम के खिलाफ केस दर्ज किया था। पीड़िता छोटी बहन ने अपने बयान में नारायण साईं के खिलाफ ठोस सबूत देते हुए हर लोकेशन की पहचान की थी। जबकि बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। एफआईआर दर्ज होने के करीब दो महीने बाद दिसंबर, 2013 में नारायण साईं हरियाणा-दिल्ली सीमा के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के वक्त नारायण साईं ने सिख व्यक्ति का भेष धर रखा था।
इस मामले में नारायण साईं के खिलाफ कोर्ट अब तक 53 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है। इन गवाहों में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने नारायण साईं को लड़कियों के साथ रेप करते देखा था या फिर उसकी रेप में मदद की थी। अब वे लोग इस मामले में नारायण साईं के खिलाफ गवाह बन गए हैं। वहीं इसी मामले में आसाराम के खिलाफ गांधीनगर की अदालत में मामला चल रहा है। बता दें कि, नारायण पर जेल में रहते हुए पुलिस कर्मचारी को 13 करोड़ रुपए की रिश्वत देने का भी आरोप लगा था।
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इतना ही नहीं नारायण साई की पत्नी जानकी ने भी अपने पति और ससुर आसाराम पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। उन्होंने इंदौर के खजराना पुलिस थाने में 19 सितंबर 2015 को शिकायत दर्ज कराई थी। जानकी ने आरोप लगाए थे कि, नारायण ने उसके सामने ही कई महिलाओं से नाजायज संबंध कायम किए, जिससे उसे मानसिक प्रताड़ना सहन करनी पड़ी। उसने एक साधिका से दूसरी शादी भी कर रखी है।
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