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कांग्रेस के पीएम इन वेटिंग राहुल नहीं नंदन नीलकेणि

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nandan nilekani
नयी दिल्ली। पांच राज्यों में से चार राज्यों में कांग्रेस की बुरी हार के बाद यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर चिंता में है। जिस तरह से जनता ने कांग्रेस को नकारा है उसे देखकर सोनिया की परेशानी बढ़ना लाजिमी है। विधानसभा चुनाव नतीजों का एक असर यह हुआ है कि कांग्रेस में गहराई तक हलचल मची हुई है। यहां तक की नेतृत्व के सवाल पर भी प्रश्नचिह्न लगा गया है।

राहुल ने नेतृत्व में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन हार ने राहुल की काबिलियत पर ही प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। ऐसे में अब कांग्रेस में प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर मंथन शुरु हो गया है। लोग पहले ही मनमोहन सिंह के नकार चुके है, ऐसे में अगर राहुल गांधी 2014 के लोकसभा चुनाव में खुद को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर घोषित करने से मना कर देते हैं, तो उस सूरत में कांग्रेस किसे अपना चेहरा बनाएगी।

हार के बाद सोनिया के बयान से साफ हो गया था कि पार्टी अब इस मुद्दे पर गंभीर है। सोनिया गांधी ने कहा था कि 'सही मौके पर' एक उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया जाएगा। इस बयान का मतलब यह निकाला जा रहा है कि हो सकता है राहुल गांधी को 2014 में कांग्रेस का पीएम उम्मीदवार न बनाया जाए। ऐसे में संभावनाएं पी चिदंबरम, रक्षा मंत्री एके एंटनी और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के नामों पर है, लेकिन इस बीच एक और नाम है जिसे वाइल्ड कार्ड एंट्री समझा जा रहा है।

सियासी गलियारे से खबर आ रही है कि आधार योजना के संजोयक नंदन नीलकेणि को कांग्रेस अपना चेहरा बना सकती है। हलांकि उन्होंने अंग्रेजी अखबार से 'टाइम्स ऑफ इंडिया' द्वारा पूछे गए इस सवाल के जबाव में कहा कि ये सिर्प कोरी बकवास है। सच्चाई नहीं। सियासी जानकारों की माने तो नंदन निलेकणि कांग्रेस के लिए नरेन्द्र मोदी साबित हो सकते है। उन के नाम पर ना तो कोई घोटाले है और ना ही विवाद। सफल योजना आधार का श्रेय भी उनके माथे ही सजा है। ऐसे में कांग्रेस के लिए नंदन संजीवनी का काम कर सकते है।

वो राजनेता कम और टेक्नोक्रैट ज्यादा हैं, उनकी साफ छवि कांग्रेस के लिए फायदेमंद हैं, बिजनेस में सफल नंदन नीलकेणि के पास काफी धन है और उन्होंने इसे भलाई के कामों में खर्च किया है। नंदन को सरकार के साथ काम करते हुए चार साल हो गए है। 58 साल के होने के बावजूद वो नौजवान है। आईआईटी पासआउट होने के कारण उनके पास आधुनिकता और प्रतिभा का भंडार है। मोदी और अरविंद केजरीवाल की तरह उनमे भी युवाओं को अपनी ओर खींचने की क्षमता है। उनकी अंतरराष्ट्रीय छवि उनके व्यक्तित्व को और निखारती है। माना ये भी जा रहा है कि नंदन निलेकणि बेंगलुरु दक्षिण से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए उनकी टीम तैयार हो चुकी है और काम भी शुरू हो गया है।

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English summary
UDAI chairman and the man behind Aadhaar, Nandan Nilekani may be Congress new name for PM choice in Loksabha election 2014.
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