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सेना ने जारी की LAC पर शहीद सैनिकों के नाम वाली लिस्‍ट, जानिए कौन थे वो 20 बहादुर

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नई दिल्‍ली। सेना की तरफ से उन 20 सैनिकों के नाम जारी कर दिए गए हैं जिन्‍होंने सोमवार रात लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर अपनी जान गंवा दी। 45 साल बाद चीन के साथ हुए इस हिंसक टकराव कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) 37 साल के कर्नल संतोष बाबू के साथ 20 सैनिक शहीद हुए हैं। मंगलवार को जब यह जानकारी सामने आई तो पहले सिर्फ तीन सैनिकों के शहीद होने की जानकारी थी। लेकिन रात होते-होते सेना ने इस बात की आधिकारिक पुष्टि कर दी कि 20 सैनिक शहीद हुए हैं।

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अचानक किया कर्नल पर हमला

अचानक किया कर्नल पर हमला

सोमवार को रात करीब 11:30 बजे चीनी सैनिक अचानक हिंसक हो गए थे। कर्नल बाबू ने उसी शाम चीनी कर्नल के साथ मीटिंग की थी। सूत्रों के मुताबिक कर्नल बाबू पर चीनी सैनिकों ने लोहे की छड़ से हमला किया था। इसके अलावा उन पर कांटों वाले डंडों से भी हमला किया गया था। इसके बाद कई घंटों तक जवान निहत्‍थे लड़ते रहे। मंगलवार तड़के यही स्थिति थी और सीनियर कमांडर्स ने सुबह सात बजे हालात का जायजा लिया है। सूत्रों की मानें तो करीब 43 चीनी जवान भी इसमें मारे गए हैं। जबकि अमेरिकी इंटेलीजेंस रिपोर्ट की मानें तो इस टकराव में 35 चीनी जवान मारे गए हैं।

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14 जून को भी हुई थी पत्‍थरबाजी

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार यानी 14 जून को भी कुछ जगहों पर पत्‍थरबाजी चीन की तरफ से हुई थी। भारतीय सेना की पेट्रोल टीम सोमवार को चीनी पक्ष के साथ बातचीत कर रही थी। इस टीम को कर्नल संतोष बाबू लीड कर रहे थे और यह 16 बिहार रेजीमेंट की टीम थी। चीनी सेना ने पीछे हटने से मना कर दिया और जानकर हालातों को जटिल कर दिया। चीनी जवानों ने भारतीय जवानों पर बड़े-बड़े पत्‍थर, कांटों के तारों से लिपटे पत्‍थर और कील लगे डंडों से हमला किया। भारत की तरफ से भी इसका पूरा जवाब दिया गया। भारत के सूत्रों का कहना है कि इस दौरान कोई भी हथियार प्रयोग नहीं था और ज्‍यादातर चोटें चीन की तरफ से हुई पत्‍थरबाजी की वजह से ही जवानों को आईं।

तीन घंटे तक हमला करते रहे चीनी

तीन घंटे तक हमला करते रहे चीनी

पीएम मोदी ने बुधवार को देश को भरोसा दिलाया है कि 20 सैनिकों की शहादत व्‍यर्थ नहीं जाएगी। उन्‍होंने कहा, 'हमारे लिए देश की एकता और संप्रभुता सबसे अहम है। भारत शांति चाहता है लेकिन अगर उसे उकसाया गया तो फिर वह इसका सही जवाब देने की क्षमता भी रखता है।' पीएम मोदी ने आगे कहा, 'जब कभी भी समय आया है, हमनें देश की संप्रभुता और अखंडता को सुरक्षित करने के लिए क्षमताओं और शक्तियों को साबित किया है। बलिदान और संयम हमारा चरित्र है लेकिन वीरता और हिम्‍मत हमारे देश का चरित्र है।' चीनी जवानों ने कुछ भारतीय जवानों को पहाड़ की चोटी से नीचे भी फेंक दिया है। बताया जा रहा है कि हिंसक टकराव करीब तीन घंटे तक जारी रहा।

अमेरिका ने जताई शहीदों के प्रति संवेदना

अमेरिका ने जताई शहीदों के प्रति संवेदना

भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर जारी तनाव पर अमेरिका भी लगातार नजर रखे हुए है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्‍ता की तरफ से कहा गया है, 'भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल पर जारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। भारत और चीन दोनों ने ही डि-एस्‍कलेशन की इच्‍छा जताई है और हम इस वर्तमान स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं।' अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ ये यह प्रतक्रिया तब आई जब भारत की तरफ से इस बात की आधिकारिक पुष्टि की गई कि एलएसी पर हुए हिंसक टकराव में भारत के 20 सैनिक शहीदद हो गए हैं। विदेश विभाग के प्रवक्‍ता की तरफ से आगे कहा गया, 'हमने इस बात पर ध्‍यान दिया है कि भारत की सेना की तरफ से 20 जवानों के निधन की बात कही गई है और हम उनके परिवार वालों के प्रति अपनी संवेदनाएं जताते हैं।'

भारत ने लगाया चीन पर आरोप

भारत ने लगाया चीन पर आरोप

भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से इस हिंसा पर आधिकारिक बयान जारी किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव की तरफ से कहा गया है कि दोनों पक्षों को नुकसान झेलना पड़ा है। उन्‍होंने दो टूक कहा कि इस हिंसा से बचा जा सकता था अगर चीन उस समझौते को मानता जो छह जून को हुआ था। उन्‍होंने कहा कि हिंसा इसलिए हुई क्‍योंकि चीन की सेना ने एकपक्षीय कार्रवाई में एलएसी की यथास्थिति बदलने की कोशिश की थी। अनुराग श्रीवास्‍तव ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी टकराव को खत्‍म करने के लिए दोनों तरफ से मिलिट्री और राजनयिक स्‍तर पर वार्ता जारी थी।

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English summary
Indian Army releases names of the 20 personnel who lost their lives in the violent face-off with China in Galwan Valley, Ladakh.
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