अंदर ही अंदर सुलग रहा है गुरुग्राम का नमाज विवाद, खट्टर सरकार के डैमेज को कंट्रोल करने के लिए हुआ ऐसा
गुरुग्राम। हरियाणा में नमाज पढ़ने को लेकर खड़ा हुआ विवाद रमजान के चलते तो शांत दिख रहा है लेकिन ये एक बड़े तूफान से पहले की खामोशी हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका लावा सुषुप्त ज्वालामुखी की तरह अंदर-अंदर सुलग रहा है। शुक्रवार को पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में नमाज अता की गई और किसी भी तरह की कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई लेकिन दोनों पक्षों के अंदर का तनाव अभी भी वैसा है। इसका उदाहरण भोंडाकलां गांव है। आरोप है कि यहां कुछ लोग नमाज नहीं होने दे रहे। न्यूज 18 की एक खबर के मुताबिक साइबर सिटी में मुस्लिमों के धार्मिक हक की लड़ाई लड़ रहे वाजिद खान नेहरू युवा संगठन के अध्यक्ष शहजाद खान ने दावा किया है कि "भोंडाकलां के लोग चाहते हैं कि गांव के मूल निवासी ही नमाज पढ़ें।
बाहरी लोग, फैक्ट्रियों में काम करने वाले कहीं और जाएं। नमाज पढ़ाने के लिए कोई मौलवी न रखा जाए।" हालांकि, संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के संयोजक महावीर भारद्वाज ने भोंडाकलां मामले की जानकारी होने से इनकार किया है। उन्होंने ये बात जरूर कहीं कि रमजान में हम चुप हैं। इसके बाद कहीं भी खुले में नमाज नहीं होने दी जाएगी। समिति ने अल्पकाल के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का समर्थन किया है। तक तक वो अपनी व्यव्स्थाएं ठीक कर लें।
सीएम खट्टर का बड़ा बयान- आबादी बढ़ने से घटी नमाज की जगह
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मामले को लेकर एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में आबादी बढ़ने से नमाज पढ़ने की जगह कम हुई है। साथ ही उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग नमाज मामले को राजनीति का मुद्दा बना रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि हिंदू संगठन के लोग लगातार नमाजियों के सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने को लेकर विरोध कर रहे हैं। हालांकि नमाजियों को गुरुग्राम में 23 स्थान नमाज अता करने के लिए मुहैया करवाए गए हैं। जहां पर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल तैनात है। जिला प्रशासन ने 76 ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं।