Nagrota encounter: पाकिस्तान में बैठे आका आतंकियों से पूछ रहे थे, कोई मुश्किल तो नहीं
नगरोटा। एक बार फिर पाकिस्तान की बड़ी साजिश को सेना और सुरक्षाबलों ने जम्मू कश्मीर के नगरोटा में विफल कर दिया है। जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों को जम्मू से 14 किलोमीटर दूर नगरोटा में एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। जैश आतंकी एक बार फिर देश को पुलवामा जैसे आतंकी हमले से दहलाना चाहते थे। सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे कई सुबूत मिले हैं जिनसे यह बात फिर से साबित होती है कि पाकिस्तान पूरी सक्रियता से इस फेल हुई साजिश में शामिल था। वहीं आतंकियों को जो मैसेज मिले उनसे भी पता चलता है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन भारत में 26/11 की 12वीं बरसी से पहले देश को दहलाने की कोशिशों में लगे हुए थे।
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हैंडलर्स ने किया था 2 बजे का जिक्र
'कहां पहुंचे, किया सूरत-ए-हाल है, कोई मुश्किल तो नहीं, 2 बजे फिर बता देंगे', ये कुछ मैसेजेस थे जो जैश के चारों आतंकियों को मिले थे। ये मैसेज पाकिस्तान की कंपनी माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स की तरफ से तैयार डिजिटल मोबाइल रेडियो पर हासिल किए गए थे। ये मोबाइल रेडियो आतंकियों के पास से बरामद हुए हैं। सुरक्षाबलों के चौकन्ने होने की वजह से आतंकी अपने प्रयास में सफल नहीं हो सके। सूत्रों की मानें तो आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए आतंकियों को जैश सरगना और मोस्ट वॉन्टेड आतंकी मसूद अजहर के भाई से ऑर्डर मिले थे। आतंकी लगातार पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के साथ स्मार्टफोन की मदद से टच में थे। इन मोबाइल फोन पाक की कंपनी क्यू मोबाइल के हैं। इसके अलावा आतंकियों के पास से कराची में बनी कुछ दवाईयां भी मिली हैं। सिर्फ इतना ही नहीं जो जूते आतंकियों ने पहने हुए थे, वो भी पाक में ही बने थे।
7.5 किलोग्राम आरडीएक्स भी बरामद
जम्मू कश्मीर पुलिस को जांच में पता लगा है कि जैश के आतंकियों को जिला परिषद के चुनाव के दौरान बड़ा हमला करने के लिए भेजा गया था। पुलिस को आतंकियों के पास से 11 एके-47 राइफल्स, 24 मैगजीन और 7.5 किलोग्राम आरडीएक्स मिला है। इसके अलावा 20 मीटर की आईईडी तार और छह डेटोनेटर्स भी मिले हैं। एक अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (यूबीजीएल), 29 ग्रेनेड्स, पांच राइलफ ग्रेनेड्स, छह मैगजीन के साथ तीन पिस्तौल, एक वायरलेस सेट और जीपीएस भी आतंकियों के पास से बरामद हुआ है। गृह मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो इन सारी बातों से बस एक ही संकेत मिलता है कि आतंकी स्थानीय निकायों के चुनाव के तीसरे और आखिरी चरण में तबाही फैलाने के इरादे से आए थे और इन्हें पाकिस्तान एजेंसियों और आतंकियों की मदद हासिल थी। इस बार के चुनाव में पहले ही बड़ी तादाद में लोग हिस्सा ले रहे हैं। अगस्त 2019 से लेकर अब तक 200 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं जिनमें से 30 आतंकी विदेशी थे।
डायरिया से लेकर यूनानी दवाईयां तक मिलीं
जिस ट्रक में आतंकी सवार थे, वो उन्हें कश्मीर लेकर जाने वाला था। लेकिन बन टोल नाका, जम्मू में ही रोक लिया गया। सुरक्षाबलों को इंटेलीजेंस एजेंसियों की तरफ से आतंकियों के बारे में इनपुट मिले थे। जब पुलिस ने ट्रक की चेकिंग शुरू की तो आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस दौरान एनकाउंटर में सभी 4 आतंकियों को ढेर कर दिया गया। जो दवाईयां आतंकियों के पास से मिली हैं उनमें पेनकिलर्स से लेकर डायरिया की दवाईयां, यूनानी दवाईयां, इंजेक्शंस और सर्जिकल उपकरण थे। ये सभी पाकिस्तानी कंपनियों जैसे लाहौर मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (कासूर), कुरैशी इंडस्ट्रीज (खैबर पख्तूनख्वां), सामी फॉर्मास्यूटिकल्स (कराची), रहमान रेनबो प्राइवेट लिमिटेड (लाहौर) और सैनोफिएविंटस पाकिस्तान लिमिटेड (कराची) के बने हुए हैं।