जासूसी के आरोपों पर जेपी नड्डा ने सोनिया से पूछा, प्रणब मुखर्जी और वीके सिंह की......
नई दिल्ली- ऑनलाइन जासूसी के आरोपों पर बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पर जोरदार पलटवार किया है। इजरायली स्पाइवेयर 'पेगासस' के जरिए भारत में हुई जासूसी की सोनिया की ओर से की गई आलोचनाओं के बाद शनिवार को नड्डा ने कांग्रेस चीफ को निशाने पर लेते हुए पूछा है कि उन्हें इसका खुलासा करना चाहिए कि यूपीए के कार्यकाल में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी और तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की जासूसी के आदेश किसने दिए थे।
दरअसल, सोनिया ने आरोप लगाया है कि सरकार ने पत्रकारों और ऐक्टिविस्ट की जासूसी के लिए व्हाट्सऐप के जरिए इजरायली सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है। अब नड्डा ने सोनिया के आरोपों को 'गलत और ( देश को ) गुमराह करने वाला' बताया है। नड्डा ने कहा है कि "भारतीय जनता पार्टी इस गलत बयानी की कड़ी निंदा करती है, जो कि दुर्भावना से ग्रस्त है।" नड्डा ने कहा है कि सरकार ने इस मामले पर अपना स्टैंड पहले ही साफ कर दिया है।
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उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस अध्यक्ष को ये खुलासा करना चाहिए कि कांग्रेसी की अगुवाई वाली सरकार के दौरान जासूसी के आदेश किसने दिए थे। उनके मुताबिक "श्रीमती गांधी को राष्ट्र को बताना चाहिए कि 10 जनपथ से जासूसी की इजाजत किसने दी थी, जब प्रणब मुखर्जी यूपीए सरकार में एक मंत्री थे और जनरल वीके सिंह सेना प्रमुख थे।" गौरतलब है कि सोनिया गांधी 10 जनपथ में राजीव गांधी के जमाने से ही रह रही हैं।
बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष ने उनपर तंज कसते हुए कहा कि "ऐसा लगता है कि सोनिया गांधी कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के दौरान कई बड़ी हस्तियों के खिलाफ रची गई जासूसी की साजिश पर अपना नजरिया जाहिर कर रही थीं।"
बता दें कि अपनी पार्टी के महासचिवों, प्रदेश प्रमुखों और पार्टी की अहम इकाइयों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा था, "नया खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार की ओर से हासिल इजरायली पेगासस के जरिए ऐक्टिविस्ट्स, पत्रकारों और राजनीतिक हस्तियों की जासूसी की गई है।" उन्होंने कहा कि "इस तरह का गतिविधिया न सिर्फ गैर-कानूनी और असंवैधानिक हैं, यह शर्मनाक भी हैं।"
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