कश्मीर में राज्यपाल शासन की सिफारिश, राष्ट्रपति को भेजी रिपोर्ट
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में तीन साल पुराना बीजेपी-पीडीपी गठबंधन मंगलवार को टूट गया। गठबंधन टूटने और सरकार गिरने के बाद राज्यपाल शासन लगाए जाने की पूरी संभावनाएं हैं। इस बीच राज्यपाल एनएन वोहरा ने सभी बड़ी पार्टियों से चर्चा के बाद अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दी है। राज्यपाल ने रिपोर्ट के साथ ही सेक्शन 92 (राज्य के संविधान) के तहत राज्य में राज्यपाल शासन की मांग की है।
40 साल में ऐसा आठवीं बार हुआ है जब जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है। राज्यपाल एनएन वोहरा के कार्यकाल में राज्यपाल शासन का यह चौथा दौर है। प्रशासनिक कार्यों में मदद के लिए वह सलाहकारों की नियुक्ति कर सकते हैं। ऐसा पहले भी हो चुका है।
इसे संयोग कहें या बिडवंना जो तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के कार्यकाल में राज्य में सात बार राज्यपाल शासन लागू हुआ। पिछली बार मोहम्मद मुफ्ती के निधन के बाद आठ जनवरी, 2016 को जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल का शासन लागू हुआ था।
जम्मू-कश्मीर में मार्च 1977 को पहली बार राज्यपाल शासन लागू हुआ था। उस समय एलके झा राज्यपाल थे। सईद की अगुवाई वाली राज्य कांग्रेस ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता शेख महमूद अब्दुल्ला की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।