इस मंदिर की सीढ़ियों को छूने पर निकलती है संगीत की धुन, 800 सालों में कोई नहीं सुलझा पाया रहस्य
नई दिल्ली: पूरी दुनिया में 21 जून को विश्व संगीत दिवस (World Music Day) मनाया जाता है। संगीत के उपकरणों से निकली मधुर धुन को आपने कई बार सुना होगा, लेकिन क्या कभी किसी सीढ़ी से संगीत की धुन निकलते देखा है। जी हां, भारत में एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जिसकी सीढ़ियों से संगीत की धुन निकलती है। ये मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित है, जिसका नाम ऐरावतेश्वर मंदिर है।
12वीं शताब्दी में बना मंदिर
ऐरावतेश्वर मंदिर तमिलनाडु के कुम्भकोणम के पास दारासुरम में स्थित है। ऐरावतेश्वर नाम के इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा होती है। इस मंदिर को राजा राज चोला ने 12वीं सदी में बनवाया था। इसका नाम भी भगवान शिव के नाम पर ही रखा गया है। यह मंदिर देखने में बहुत ही शानदार और खूबसूरत है। इसकी बनावट और आकर्षण को समझना बहुत कठिन है। स्थानीय लोगों के मुताबिक मंदिर में भक्तों को अनोखी शांति मिलती है।
सीढ़ियों से निकलती है धुन
इस मंदिर के एक हिस्से में तीन सीढ़ियां बनी हैं। जिस पर पैर रखने या हल्की सी ठोकर मारने पर संगीत की अलग-अलग धुन निकलती है। यह एकदम वैसा है, जैसे किसी संगीत के उपकरण से धुनों का निकलना। इस पर वैज्ञानिकों ने काफी खोज की, लेकिन 800 सालों में धुन निकलने के रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया। इसकी तमाम खासियतों को देखते हुए UNESCO ने 2004 में इसे विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया था। मंदिर के इस रहस्य को देखने और समझने के लिए दुनियाभर से हजारों लोग यहां पर आते हैं।
इस वजह से पड़ा ऐरावतेश्वर नाम
इस मंदिर के स्तम्भ 80 फीट ऊंचे हैं और पत्थरों पर सुंदर नक्काशियां की गई हैं। इस मंदिर में दो भाग हैं। पहला भाग पत्थर का विशाल रथ है, जिसे घोड़े खींच रहे हैं। वहीं दूसरे भाग को बलि देने के लिए बनवाया गया था, जिस वजह से इसे बलिपीठ कहते हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां देवताओं के राजा इंद्र के सफेद हाथी ऐरावत ने शिव जी की अराधना की थी और तभी से इस मंदिर का नाम ऐरावतेश्वर मंदिर हो गया।
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