सत्ता के लिए पिता से की थी बगावत, देवगौड़ा ने कहा गलती नहीं दोहराएंगे कुमारस्वामी
बेंगलुरु। कर्नाटक में जारी सियासी घमासान अब अपने परिणाम तक पहुंच गया है। येदुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अब बुधवार को जेडीएस और कांग्रेस मिलकर सरकारी बनाएगी। जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। सत्ता पाने के लिए जेडीएस और कांग्रेस ने एड़ी चोटी का जोड़ लगा दिया। बेटे के मुख्यमंत्री बनने पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से खुशी जताई और कहा कि अब हमारा अगला संघर्ष 2019 का चुनाव है। टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि बेटे के मुख्यमंत्री बनने और उसके फैसले से वो बेहद खुश और गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके बेटे कुमारस्वामी ने 2008 में जो गलती की थी उसे उन्होंने दोहराई नहीं। इंटरव्यू के दौरान पूछे गए सवाल पर देवगौड़ा ने कहा कि 2008 में बीजेपी के साथ कुमारस्वामी के गठबंधन के फैसले से वो बेहद नाराज थे। इस बारे में उन्होंने चुनाव से पहले ही साफ कर दिया था कि अगर कुमारस्वामी चुनाव के बाद बीजेपी के साथ जाएंगे तो वो अपने सारे रिश्ते उनके साथ खत्म कर देंगे।
2008 की गलती नहीं दोहराएंगे कुमारस्वामी
इंटरव्यू में पूछे गए सवाल पर देवगौड़ा ने कहा कि 2008 में कुमारस्वामी ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया, जिसे लेकर मैंने आपत्ति जताई थी। उस गठबंधन ने कुमारस्वामी को भी सबक सिखाया, लेकिन अब मेरे बेटे ने उस समझौते से खुद को पूरी तरह से शुद्ध कर लपिया है। वो जान चुका है कि 2008 में उसके फैसले से मैं कितना दुखी हुआ था और मैं पूरी तरह से आश्वस्त था कि वो उस गलती को दोबारा नहीं दोहराएगा। वहीं कुमारस्वामी ने भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद कहा था कि मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि दरअसल मुझे दोनों ही दलों(बीजेपी और कांग्रेस) की तरफ से ऑफर मिले थे, लेकिन बीजेपी के साथ गठबंधन करने के कारण मेरे पिता एचडी देवगौड़ा के सियासी करियर पर दाग लग गया था। बीजेपी के साथ गठबंभदन ने मेरे पिता के दुख पहुंचाया था, इसलिए अब भगवान ने मुझे उस दाग को धोने को मिटाने का मौका दिया है, इसलिए मैंने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया है।
पिता ने दी थी रिश्ता तोड़ने की धमकी
इंटरव्यू के दौरान देवगौड़ा ने कहा कि मैंने साफ कर दिया था कि जेडीएस का लक्ष्य बीजेपी को सत्ता से बाहर रखना था। कुमारस्वामी को साफ-साफ कह दिया था कि बीजेपी के साथ जाने पर वो अपने सारे संबंध उनसे तोड़ लेगें, लेकिन भगवान का शुक्रगुजार हूं कि ऐसी स्थिति आई नहीं। उन्होंने कहा कि जेडीएस का बीजेपी के साथ जाना न केवल पार्टी के लिए बल्कि कर्नाटक की जनता के लिए भी सही नहीं है। ये जनता के साथ धोखा देने जैसा है।
जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को स्थिरता पर देना होगा ध्यान
देवगौड़ा ने कहा कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन एक अच्छी पहल है, लेकिन मेरा मन में 2004-2006 के गठबंधन की सरकार की अस्थिरिता का ख्याल आ रहा है जब दोनों ही पार्टी सरकार चलाने में कामयाब नहीं हो सकी थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस दोनों को इससे सीख लेनी चाहिए और 5 साल की सरकार पूरी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुमारस्वामी में इसकी क्षमता है कि वो अकेले ही सबकों साथ लेकर चल सकें।
सत्ता के लिए पिता से बगावत
आपको बता दें कि साल 2004 के विधानसभा चुनाव के बाद जेडीएस और कांग्रेस ने मिलकर कर्नाटक में सरकार बनाई थी। लेकिन 2006 में कुमारस्वामी पार्टी तोड़ दी और बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनाई। हालांकि देवगौड़ा इसके सख्त खिलाफ थे। दोनों पार्टी में तय हुआ कि उनके मुख्यमंत्री आधे-आधे समय तक रहेंगे, लेकिन 2007 में कुमारस्वामी अपने वादे से मुकर गए और भाजपा ने सरकार गिरा दी थी। इसके बाद राज्य में विधानसभा चुनाव हुए और बीजेपी ने वापसी की।