मुजफ्फरपुर: रेप की कोशिश के बाद जलाई गई युवती ने तोड़ा दम, आखिरी बयान में कहा- दरिंदों को फांसी दो
पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 7 दिसंबर को रेप की असफल कोशिश के बाद जिंदा जलाई गई युवती आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। पीड़िता ने सोमवार देर रात करीब 12 बजे पटना के निजी बर्न हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। युवती का शरीर 95 फीसदी तक जल गया था। पीड़िता ने एक अखबार को दिए अपने आखिरी बयान में कहा कि जिस तरह दरिंदों ने उसे जिंदा जलाया, उसे भी फांसी की सजा मिले।
'मरीजों की सेवा करना चाहती हूं'
पीड़िता ने अपने आखिरी बयान में कहा, 'मैं बीएससी नर्सिंग करके मरीजों की सेवा करना चाहती हूं।' जबकि पीड़िता के भाई ने रोते हुए बहन के हत्यारों को फांसी देने की मांग की। वहीं, पीड़िता के पिता ने कहा कि हमें न्याय चाहिए, पुलिस को उचित कार्रवाई करनी चाहिए। पिता ने कहा कि हमने अपनी बेटी को खो दिया लेकिन उसके दोषियों को हर हाल में सजा मिलनी चाहिए।
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पहले दरिंदों ने बहुत टॉर्चर किया था- पीड़िता का परिवार
पीड़िता के परिवार वालों का कहना था कि लड़की को पहले दरिंदों ने बहुत टॉर्चर किया था, इसके बाद उसने कॉलेज जाना छोड़ दिया था, उसकी स्नातक की पढ़ाई भी अधूरी रह गई थी। बीते तीन सालों से छेड़खानी से परेशान युवती और उसके परिजनों ने थाने में 5 बार शिकायत की पर किसी ने नहीं सुनी। बल्कि पुलिस ने नसीहत देते हुए कहा था कि उस परिवार से मत उलझो। इस बीच दरिंदों का हौसला बढ़ता जा रहा था। आरोप है कि 7 दिसंबर को दुष्कर्म में विफल रहने पर युवती को राजा और साथी मुकेश ने केरोसिन छिड़क कर जला दिया था।
पीड़िता ने अस्पताल में तोड़ा दम
परिजनों का आरोप है कि पीड़िता को जिंदा जलाए जाने के बाद ट्रॉमा सेंटर की सूचना को भी पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। एसकेएमसीएच के बर्न वार्ड में पर्याप्त व्यवस्था नहीं रहने पर भी 36 घंटे तक रोके रखा। बाद में बर्न वॉर्ड में आईसीयू में ले जाया गया लेकिन तब भी पटना रेफर नहीं किया गया। स्थिति गंभीर होने और परिजनों के आग्रह करने पर पटना के अपोलो बर्न अस्पताल ले जाया गया। मजिस्ट्रेट ने तब हॉस्पिटल में ही पीड़िता का बयान दर्ज किया था। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने भी अस्पताल पहुंचकर युवती और उसके परिजनों से मुलाकात की थी।