मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: सुप्रीम कोर्ट की बिहार सरकार फटकार, दो बजे तक मांगा जवाब
नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए इस केस सरकार के रवैये और जांच से नाराजगी जाहिर की है। गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई बेहद खफा नजर आए। उन्होंने बिहार सरकार के वकील से पूछा कि हम जानना चाहते हैं कि आप आखिर कैसे सरकार चला रहे हैं, क्या ये कोई तरीका है। कोर्ट ने बिहार के सरकार के वकील से कहा है कि वो दोपहर दो बजे तक मामले पर सभी सवालों के जवाब दें।
रंजन गोगोई ने इस केस को दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस का ट्रायल अब दिल्ली की साकेत कोर्ट में होगा। सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में सारे रिकॉर्ड ट्रांसफर किए जाने और ट्रायल छह महीने में पूरा कर लेने के आदेश दिए हैं।
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मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि शेल्टर होम में जो चल रहा था, उसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। आप बच्चों के साथ ये किस तरह बर्ताव कर रहे हैं, कम से कम उन बदकिस्मत बच्चों को तो बख्श दीजिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली से पटना दो घंटे का रास्ता है। हम चीफ सेक्रेटरी को भी यहां खड़ा कर सकते हैं लेकिन आप बताए कि केस में क्या हो रहा है। कोर्ट ने गुरुवार को दोपहर दो बजे तक जवाब देने को कहा। जिन लोगों ने शेल्टर होम केस में गुनाह किया है वो सजा से बच नहीं पाएंगे। कानून अपना काम करेगा।
कोर्ट ने मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एके शर्मा के ट्रांसफर को लेकर भी नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या अधिकारी का तबादला करने वाली कैबिनेट कमेटी को कोर्ट के आदेश की जानकारी नही थी, कोर्ट ने तबादलों को लेकर क्या आदेश किया है।
पिछले साल बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 34 बच्चियों के साथ यौन शोषण किए जाने की बात सामने आई थी। शेल्टर होम में बच्चियों के साथ रेप, उनका गर्भपात और हत्या के मामले सामने आए थे। इस मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर इस समय जेल में हैं।
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