मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में नया खुलासा, सीबीआई ने SC से कहा- नहीं हुई किसी लड़की की हत्या, सभी जीवित
नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट को सौंपी स्टेटस रिपोर्ट में सीबीआई ने कहा है कि मुजफ्फरपुर के आश्रय गृह में नाबालिग बच्चियों की हत्या का कोई सबूत नहीं मिला। मुजफ्फरपुर में एक निजी एनजीओ द्वारा संचालित शेल्टर होम में कई लड़कियों के यौन उत्पीड़न का मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट के बाद सामने आया था, जिसके बाद बिहार की राजनीति गरमा गई थी और इसका सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था।
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सभी लड़कियों को जिंदा पाया गया- सीबीआई
सीबीआई ने कहा कि उसने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस से संबंधित सभी 17 मामलों में अपनी जांच पूरी कर ली है। सीबीआई की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि शेल्टर होम में किसी लड़की की हत्या नहीं हुई और जो कंकाल मिले थे वे नाबालिग बच्चियों के नहीं थे। सीबीआई ने सर्वोच्च अदालत को बताया कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में नाबालिगों के साथ बलात्कार, यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच की गई और अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया।
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किसी की हत्या का सबूत नहीं मिला- सीबीआई
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को लेकर नीतीश कुमार की सरकार पर विपक्ष ने जमकर हमला बोला था, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। वहीं, सीबीआई द्वारा सौंपी गई स्टेटस रिपोर्ट की बात करें तो जांच एजेंसी ने सर्वोच्च अदालत को बताया है कि मुजफ्फरपुर के आश्रय गृह में जिन बच्चियों की हत्या का आरोप लगा था, उन्हें बाद में जीवित पाया गया था।
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14 जनवरी को आ सकता है साकेत कोर्ट का फैसला
बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 40 नाबालिग बच्चियों से रेप की बात सामने आई थी। इस मामले में शेल्टर होम का संचालक बृजेश ठाकुर प्रमुख आरोपी है। साकेत कोर्ट के एडिशनल जज डॉ. सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने की वजह से यह फैसला टल गया था। अब इस मामले में 14 जनवरी को फैसला आएगा। बृजेश के साथ-साथ इस पूरे मामले में कुल 20 आरोपी हैं जिन पर पॉक्सो समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी आरोपी हैं।