मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: मास्टरमाइंड बृजेश ठाकुर समेत सभी के खिलाफ आरोप तय
नई दिल्ली। मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में शनिवार को दिल्ली साकेत कोर्ट ने बृजेश ठाकुर समते सभी 20 के खिलाफ आरोप तय कर दिये हैं। अब सभी आरोपियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के साथ-साथ आपराधिक साजिश के तहत मुकदमा चलेगा। वहीं, बृजेश ठाकुर के खिलाफ पॉस्को एक्ट, अपराध की साजिश रचने और बलात्कार की धाराओं में आरोप तय किए गए। ऐसे में अगर इन धाराओं में बृजेश ठाकुर को दोषी करार दिया जाता है तो कम से कम 10 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा हो सकती है।
बता दें कि आरोप तय होने के बाद अब इस केस की 3 अप्रैल से रोजाना सुनवाई होगी और गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे। अब अदालत बलात्कार, यौन उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न, नाबालिगों के नशा, अन्य आरोपों के साथ आपराधिक साजिस की सुनवाई करेगी। मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर और आश्रय गृह के कर्माचारियों के साथ-साथ समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों पर आपराधिक साजिश, कर्तव्य की उपेक्षा, लड़कियों पर हमले की रिपोर्ट दर्ज करने में विफलता का चार्ज लगाया गया है। आरोपों में उनके अधिकार के तहत बच्चों के साथ क्रूरता का अपराध भी शामिल है जो कि किशोर न्याय अधिनियम के तहत दंडनीय है।
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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को केस को दिल्ली के साकेत जिला न्यायालट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया। इसके साथ-साथ कोर्ट ने यह भी निर्देश किया की निचली अदालत 6 महीने के भीतर इस केस की ट्रायल पूरी करे। केस के बारे में आपको बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह में कई लड़कियों के साथ कथित रूप से बलात्कार और यौन शोषण किया गया। इसका खुलासा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) की एक रिपोर्ट के बाद हुआ।
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