CBI के पूर्व अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव अवमानना के दोषी करार, SC ने लगाया एक लाख का जुर्माना
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नई दिल्ली। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए पूर्व अंतरिम डायरेक्टर एम नागेश्वर राव को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। मंगलवार को सुबह सीबीआई के पूर्व अंतरिम डायरेक्टर एम नागेश्वर राव सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सीबीआई की तरफ से अटार्नी जनरल ने दलील रखी कि नागेश्वर राव ने माफी मांगी है और उन्होंने जानबूझकर सुप्रीमकोर्ट की अवमानना नहीं की है। जबकि सीजेआई ने CBI के पूर्व अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव को अवमानना का दोषी करार दिया और एक लाख का जुर्माना लगाया।
सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के दौरान CJI रंजन गोगोई ने कहा कि अवमानना हुई है और इसलिए उनके (पूर्व अंतरिम सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव) करियर पर एक दाग लगेगा। इस पर 'एजी केके वेणुगोपाल ने कहा कि उनका 32 साल का करियर बेदाग रहा है। वेणुगोपाल ने कोर्ट से अपील की और कहा कि अदालत लचीला दृष्टिकोण अपनाएं क्योंकि उन्होंने माफी मांगी है। जबकि दलीलों को खारिज करते हुए कोर्ट ने जुर्माना लगाया और कहा कि कार्यवाही खत्म होने तक पूर्व अंतरिम निदेशक को अदालत में मौजूद रहना होगा।
इसके पहले, सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी थी। राव ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर अदालत कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी। उन्होंने कहा था कि मैं मानता हूं अदालत के आदेश के बिना मुख्य जांच अधिकारी का तबादला गलत था, मेरी माफी स्वीकार करें।
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सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खेल रहे हैं। आपको पता नहीं है कि आपने क्या किया है। कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि 31 अक्टूबर को आपने कहा था कि एके शर्मा जांच टीम के सीनियर मोस्ट अधिकारी होंगे तो फिर उनका तबादला क्यों किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव ने सीबीआई अधिकारी शर्मा का तबादला कर अदालत की अवमानना की है।