मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोग दोषी करार, 28 जनवरी को होगा सजा का ऐलान
नई दिल्ली। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सोमवार को एनजीओ मालिक ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को दोषी करार दिया है। मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को यौन शोषण और सामूहिक दुष्कर्म के कई मामलों में दोषी करार दिया गया है। वहीं, एक आरोपी मोहम्मद साहिल उर्फ विक्की को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। 28 जनवरी को सुबह 10 बजे सजा का ऐलान होगा।
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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले का खुलासा हुआ था। 31 मई 2018 को समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक ने मुजफ्फरपुर में महिला थाने में एफआईआर कराई गई थी। 26 जुलाई 2018 को राज्य सरकार ने शेल्टर होम मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की। 27 जुलाई 2018 को सीबीआई ने पटना स्थित थाने में केस दर्ज किया था। इसके बाद अगस्त में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। मंजू के पति आरोपी ब्रजेश के करीबी हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली साकेत कोर्ट ट्रांसफर हुआ केस
फरवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया और मामले को दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही हाल ही में सीबीआई ने बिहार के 25 डीएम और 46 अन्य सरकारी अधिकारियों के खिलाफ प्रदेश सरकार से सख्त विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा की। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शेल्टर होम में किसी भी बच्ची की हत्या नहीं की गई और सभी गायब 35 लड़कियों को सकुशल बरामद किया गया है।
एनजीओ मालिक ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोग दोषी
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सोमवार को एनजीओ मालिक ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को दोषी करार दिया है। मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को यौन शोषण और सामूहिक दुष्कर्म के कई मामलों में दोषी करार दिया गया है। वहीं, एक आरोपी मोहम्मद साहिल उर्फ विक्की को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।
दोषियों में 10 महिलाएं भी शामिल
दोषियों में 10 महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्होंने शेल्टर होम की लड़कियों के साथ हो रही दरिंदगी को छिपाया, उनकी आवाज दबाने के लिए तरह-तरह की यातनाएं भी दीं। शेल्टर होम में तैनात रसोइये से लेकर गेटकीपर तक पर लड़कियों के साथ दुष्कर्म के आरोप लगे थे। सुनवाई के दौरान पीड़ित किशोरियों का बयान दर्ज किया गया था। कई लड़कियां आरोपियों को देखकर उनकी पहचान भी चुकी थीं।