मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ CBI जांच के आदेश
नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह मामले में अब नया मोड़ आ गया है। मामले को देख रही विशेष पॉक्सो कोर्ट ने सीबीआई को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में नीतीश कुमार के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। नीतीश कुमार के साथ ही मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह और समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव अतुल प्रसाद के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है।
गिरफ्तार डॉक्टर ने की थी सीबीआई जांच की मांग
बता दें कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपी डॉ अश्विनी ने अपने वकील के जरिए शेल्टर होम के संचालन में सीएम नीतीश कुमार की भूमिका की जांच की मांग करते हुए कोर्ट में अर्जी दी थी। अश्विनी पर नाबालिग लड़कियों को ड्रग्स का इंजेक्शन देने का आरोप है । गिरफ्तारी के बाद अश्विनी ने मुंख्यमंत्री समेत दोनों अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की थी। इसके साथ-साथ कथित तौर पर यह भी कहा गया है कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद भी आश्रय गृहों फंडिंग जारी की गई थी।
2018 में सामने आया था यह मामला
बता दें कि मुजफ्फरपुर स्थित उक्त बालिका गृह में बच्चियों के यौन शोषण का मामला जून 2018 में सामने आया था। इससे पहले आश्रय गृह चलाने वाले एनजीओ के मालिक ब्रजेश ठाकुर सहित कई लोगों को पुलिस ने घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद जुलाई में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी चीजे सामने लगी। जांच में पता चला कि राज्य की सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति के आश्रय गृह के मालिक ब्रजेश ठाकुर के साथ घनिष्ठ संबंध थे।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को दिल्ली कोर्ट ट्रांसफर करने का आदेश दिया
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम केस को मुजफ्फरपुर कोर्ट से दिल्ली कोर्ट ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 6 महीने के अंदर पूरी करने का निर्देश भी दिया। इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा था कि अब इस केस की सुनवाई दिल्ली के साकेत कोर्ट स्थित स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में होगी। उन्होंने मामले की रोजाना सुनवाई करने के लिए भी कहा था। बता दें कि पुलिस ने इस मामले में ब्रजेश ठाकुर समेत 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।