मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस के नए खुलासे से बढ़ी सियासी हलचल, जानिए मामले में कब-कब, क्या-क्या हुआ
नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया है। सीबीआई ने हलफनामे में बताया है कि इस कांड में बड़े लोगों को बचाने के आरोप गलत हैं। इसके अलावा सीबीआई ने कहा है कि मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत अन्य लोगों की 11 हत्याओं के मामले में भूमिका को लेकर जांच चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में सीबीआई ने कहा है कि बालिका गृह में जब खुदाई के दौरान हड्डियां मिली हैं। इसके अलावा सीबीआई ने इस मामले के तह तक जाने और जांच करने के लिए कोर्ट से और समय मांगा है। बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम में रह रही छात्राओं के साथ यौन शोषण की घटना का खुलासा उस समय हुआ जब बिहार सरकार के करार के बाद सोशल ऑडिट के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के अधिकारी शेल्टर होम पहुंचे हुए थे।
जानिए कब-कब, क्या-क्या हुआ?
-
सबसे
पहले
जुलाई
2017
में
टीआईएसएस
के
साथ
बिहार
सरकार
ने
राज्य
के
सभी
बालिका
गृहों
का
सोशल
ऑडिट
कराने
का
फैसला
किया।
- इसके बाद सितंबर 2017 से मार्च 2018 के बीच टीआईएसएस ने राज्य भर के बालिक गृह और अल्पावास गृहों में रहने वाली लड़कियों से बातचीत की।
- मई 2018 में टीआईएसएस ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। उसी साल 26 मई को समाज कल्याण विभाग ने मुजफ्फरपुर प्रशासन को रिपोर्ट भेजी। फिर मामला सामने आया और पूरे राज्य में हड़कंप मच गया।
- 28 मई को मुजफ्फरपुर स्थित बालिक गृह के संचालक के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए गये। 30 मई को बालिक गृह की सभी 42 लड़कियों को पटना और मधुबनी भेज दिया गया।
- 3 जून 2018 को एनजीओ के संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 8 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। जिसमें सात महिलाएं हैं।
- 19 जुलाई 2018 को बालिका गृह में रह रही लड़कियों को लेकर एक रिपोर्ट सौपी जिसमें बताया गया कि 21 लड़कियों के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई है।
- 23 जुलाई 2018 को बालिका गृह की लड़कियों ने अपनी एक साथी की हत्या और शेल्टर होम में ही दफनाए जाने का बयान दिया। इसके बाद वहां खोदाई हुई और मिट्टी को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया।
- 20 नवंबर 2018 को बालिका गृह में रह रही लड़कियों को नशीला इंजेक्शन लगाने वाले की गिरफ्तारी हुई।
- सीबीआई को जांच सौंपे जाने के बाद उसने 21 नवंबर 2018 को बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु को गिरफ्तार किया।
- इस मामले में उस दौरान राज्य सरकार में मंत्री रही मंजू वर्मा के पति का नाम भी सामने आया। इसके बाद मंजू ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 23 नवंबर 2018 को आर्म्स एक्ट के तहत 1 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजी गईं।
- इधर सीबीआई पूरे मामले की जांच करती रही और आज उसने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है।
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