मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्टिंग पर लगी रोक हटाई, सीबीआई ने सीज किए 20 बैंक अकाउंट
नई दिल्ली। मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म मामले की रिपोर्टिंग पर लगी रोक को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हटा दी। इसके साथ ही कोर्ट ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को ब्रजेश ठाकुर की संपत्ति के जांच के आदेश दिए। वहीं सीबीआई ने भी गुरुवार को ब्रजेश ठाकुर और अन्य आरोपियों के 20 बैंक खातों को सीज कर दिए। सीबीआई ने मामले से जुड़े तीन लोगों के साथ-साथ घटना के समय असिस्टेंट डायरेक्टर (शेल्टर होम इनचार्ज) ,समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी को भी हिरासत में ले लिया है।
गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टिंग के पटना हाईकोर्ट के फैसले को पटलते हुए कहा कि, आंख बंद कर मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन नहीं लगाया जा सकता है। मीडिया केस को छाप सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मीडिया से इस तरह की घटनाओं को सनसनीखेज नहीं बनाने का आग्रह है। पीड़िताओं का साक्षात्कार नहीं लिया जा सकता और किसी भी प्रकार से उनकी पहचान उजागर नहीं की जा सकती।' कोर्ट ने कहा कि यहां तक कि उनके परिजनों की पहचान को भी उजागर नहीं करना चाहिए। यह उनकी जिम्मेदारी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद मॉनिटरिंग करने का फैसला किया है। कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को आदेश दिया है कि वो अपनी सुनवाई टाल दे। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप मामले में सीबीआई की जांच की निगरानी करने का निर्णय लिया है। शीर्ष अदालत ने केंद्रीय एजेंसी को चार हफ्तों के अंदर मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।
कोर्ट ने कहा कि ब्रजेश ठाकुर और चंद्रशेखर वर्मा का आतंक इतना है कि रिपोर्ट के मुताबिक उनके खिलाफ कोई बोलने को तैयार नहीं है। इसकी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए। इसके अलावा कोर्ट ने आयकर विभाग को आदेश दिया है कि वह ब्रजेश ठाकुर और उसके एनजीओ की जांच करें। यह पता लगाएं की बिहार सरकार द्वारा पिछले 10 सालों में दिए गए 4.5 करोड़ के फंड का ब्रजेश ने क्या किया।
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