जानलेवा हो सकती है ऑटोमेटिक कार से लॉन्ग ड्राइव, 30 साल का ये शख्स मरते-मरते बचा
नई दिल्ली। अपनी कार में लॉन्ग ड्राइव पर जाना किसे पसंद नहीं होता। लेकिन अगर आपके पास ऑटोमेटिक कार है और आप लॉन्ग ड्राइव पर जाने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है। ऐसा इसलिए क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही आपके लिए जानलेवा हो सकती है। दरअसल, हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें एक शख्स अपने दोस्त के साथ ऑटोमेटिक कार से लॉन्ग ड्राइव पर निकला। इस बीच दिल्ली के रहने वाले इस युवक के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसने उसे बुरी तरह झकझोर के रख दिया। टीओआई में छपी खबर के मुताबिक, इस शख्स की मानें तो वह मौत के मुंह से बच के निकला है। न केवल उसे अस्पताल पहुंचना पड़ा, बल्कि काफी गंभीर स्थिति के बाद उसने रिकवर किया है। आखिर इस शख्स के साथ ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से ये सवाल उठे कि ऑटोमेटिक कार से लॉन्ग ड्राइव पर जाना खतरनाक हो सकता है, जानिए पूरा मामला...
30 साल के शख्स की जान पर बन आई
टाइम्स ऑफ इंडिया (टीओआई) में छपी खबर के मुताबिक, पश्चिमी दिल्ली के रहने वाले 30 वर्षीय सौरभ शर्मा अपने दोस्त के साथ पिछले महीने अपनी ऑटोमेटिक कार से ऋषिकेश गए थे। इस दौरान सौरभ दिल्ली से ऋषिकेश और ऋषिकेश से दिल्ली ट्रैवल करने के दौरान अपनी लग्जरी ऑटोमैटिक कार खुद ही ड्राइव कर रहे थे। कार ऑटोमेटिक होने की वजह से ड्राइव के दौरान सौरभ ने अपने बाएं पैर का इस्तेमाल लंबे वक्त तक नहीं किया। ऐसा इसलिए क्योंकि सामान्य कार में बाएं पैर में क्लच होता है जिसे स्पीड और गेयर चेंज में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन ऑटोमेटिक कार में इसकी खास जरुरत नहीं होती। सौरभ ने ऐसा ही किया, जिसकी वजह से उनकी मुश्किलें बढ़ गईं।
बाएं पैर में कोई हरकत नहीं होने से जम गया खून का थक्का, फिर...
सौरभ ने इस लॉन्ग ड्राइव के दौरान कई घंटे तक अपने बाएं का पैर में खास मूवमेंट नहीं की। यही नहीं उन्होंने यात्रा के दौरान कॉम्फर्टेबल कपड़े भी नहीं पहने थे। उन्होंने जो जींस पहनीं थी वो बेहद टाइट थी, इसका खामियाजा ये हुआ सौरभ के बाएं पैर में मूवमेंट नहीं होने टाइट जींस की वजह से ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं हो रहा था। इस वजह से ड्राइव करते समय उनके बाएं पैर में डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) यानी खून का थक्का बन गया। इस ब्लड क्लॉटिंग की वजह से उन्हें अचानक ही दर्द महसूस होने लगा। हालांकि, जिस समय वो ड्राइव कर रहे थे उन्होंने इस दर्द को नजरअंदाज कर दिया, लेकिन ये ब्लड क्लॉट बेहद जानलेवा बन गया।
सौरभ बोले- जैसे मौत के मुंह से बच के निकला
हुआ ये कि पैरों में हुआ ब्लड क्लॉट खून के जरिए धीरे-धीरे पैरों से होते हुए फेफड़ों तक पहुंच गए जिससे उनके फेफड़ों की आर्टरी में ब्लॉकेज आ गई और उनके दिल और दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद सौरभ को अचानक एक दिन सांस लेने में तकलीफ हुई और वो बेहोश होकर गिर पड़े। उन्हें तुरंत ही स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सीय परीक्षण में पता चला कि उनका ब्लड प्रेशर और पल्स रेट बेहद कम था। बाद में उन्हें कार्डियक अरेस्ट की आशंका के चलते शालीमार बाग के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस चौंकाने वाले मामले में डॉक्टरों ने क्या कहा
टीओआई के मुताबिक, वहां डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत ब्लड क्लॉट खोलने के लिए 45 मिनट तक सीपीआर दिया, तब जाकर सौरभ की तबीयत में थोड़ा सुधार आया। बाद में मैक्स अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी के प्रमुख डॉक्टर नवीन भामरी ने बताया, , उनको कोई हॉर्ट की बीमारी नहीं है। ऐसे में हमने मेडिकल जांच में पाया कि उनके अचानक तबीयत बिगड़ने और पल्मोनरी एम्बोलिज्म की वजह 8 घंटे लंबी ड्राइव है। डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) की वजह से सौरभ का बायां पैर अकड़ गया था और उसमें हलचल बिल्कुल नहीं हुई। उन्होंने ये भी बताया कि पल्मोनरी एम्बोलिज्म एक जानलेवा समस्या है और जिसके 50 फीसदी मामलों में हॉर्ट अटैक का खतरा होता है।
लॉन्ग ड्राइव में नियमित अंतराल पर ब्रेक जरूर लें
नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. योगेश कुमार छाबड़ा ने बताया, 'ये एक चमत्कार है जो वो बच गए। उनके साथ जो हुआ वो उन लोगों के लिए एक संदेश है जो लंबे समय तक गाड़ी चलाते हैं।' साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि जो ऑटोमेटिक कार चलाते हैं उन्हें नियमित अंतराल पर ब्रेक लेना चाहिए। वहीं वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. देवेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया, 'धूम्रपान करने वाले, मोटे व्यक्ति, जिन लोगों की हाल ही में सर्जरी हुई है या जो लंबी बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें इसका अधिक खतरा होता है। यही नहीं ये अचानक किसी को भी हो सकता है।'
कार ड्राइव के दौरान क्या करें और क्या ना करें
इस चौंकाने वाले मामले के सामने आने के बाद सभी के मन में ये सवाल जरूर होगा कि आखिर लॉन्ग ड्राइव पर जाने के दौरान सेहत ठीक रखने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इस मामले में डॉक्टरों और जानकारों के मुताबिक उन्होंने जो कुछ बताया वो इस प्रकार है।
1.
कार
ड्राइव
के
दौरान
लंबे
समय
तक
बिना
हिले-डुले
नहीं
रहें
2.
लंबे
सफर
में
हर
एक-दो
घंटे
में
टांगों
को
आराम
दें
3.
लंबे
सफर
के
दौरान
पानी
ज्यादा
से
ज्यादा
पिएं
4.
टांगों
में
सुचारू
रूप
से
रक्त
प्रवाह
बना
रहे,
इसके
लिए
ढीले
कपड़े
पहनें,
टाइट
जींस
या
फिर
टाइट
कपड़ों
से
परहेज
करें।
5.
अल्कोहल
का
इस्तेमाल
बिल्कुल
नहीं
करें,
इससे
खून
का
थक्का
जमने
की
आशंका
और
बढ़
जाती
है।
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