मुसलमान खुद को पीड़ित और शोषित समझना बंद करें- नसीरुद्दीन शाह
नसीरुद्दीन शाह ने अपने इस लेख में कहा है कि देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब शांति की अपील करने वाले या चिंता से भरे बयानों को देशद्रोह का नाम दिया जा रहा है।
नई दिल्ली। बॉलीवुड के मशहुर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने भारत में मुस्लिमों के हालात पर अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले भारत में मुसलमान खुद को पीड़ित और शोषित समझना बंद करना चाहिए। ये देश सभी का है और सभी भारत के नागरिक हैं।
नसीरुद्दीन शाह ने हिंदुस्तान टाइम्स में लिखा है कि भारत के मुसलमान जो खुद को पीड़ित और शोषित महसूस करते आए है उन्हें इस सोच से बाहर निकलकर अपने अधिकारों को समझना चाहिए। ऐसा क्यों है कि सबकुछ आपकी फेवर में होने के बावजूद आप खुद को सताया हुआ महसूस करते हैं। उन्होंने लिखा है कि मुसलमानों को अपने अंदर से मुक्ति की भावना को बाहर करना चाहिए और अपने अधिकारों को समझते हुए भारतीयता पर गर्व करना चाहिए।
नसीरुद्दीन शाह ने अपने इस लेख में कहा है कि देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब शांति की अपील करने वाले या चिंता से भरे बयानों को देशद्रोह का नाम दिया जा रहा है। नसीरुद्दीन शाह ने लिखा है कि ' ऐसा लग रहा है कि जैसे हर कोई बस इसी दिन का इंतजार कर रहा था'। हिंदुस्तान टाइम्स की सीरीज 'बीईंग मुस्लिम नाउ' के तहत लिखे शाह के इस लेख में लिखा है कि वर्तमान में मुसलमानों को बाहरी लोगों के रूप में लेबल करने की चालू राजनीति का इस्तेमाल जैसे ही खत्म होगा, इस नीति को छोड़ दिया जाएगा, लेकिन इससे अंदर क्या हालात बनेंगे यह एक मसला है।
नसीरुद्दीन शाह को साल 2015 में उनके पाकिस्तान पर दिए बयान के चलते काफी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था। नसीरुद्दीन ने कहा था कि उन्हें उनके मजहब के चलते टारगेट किया जा रहा है। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए नसीरुद्दीन ने कहा था, ' मेरा नाम नसीरुद्दीन शाह है और मुझे लगता है कि मुझे इसी लिए टारगेट किया जा रहा है। मुझे यह कहते हुए काफी बुरा लग रहा है.' उस समय चले 'अवॉर्ड वापसी' अभियान पर शाह ने कहा था कि काश, अपने अवॉर्ड वापिस देने के बजाए, देश में वर्तमान स्थितियों लिखने का आंदोलन चलाया जाता'।