मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा-विश्व में सबसे ज्यादा सुखी मुसलमान भारत में क्योंकि हम हिंदू हैं
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को भुवनेश्वर में बुद्धिजीवियों की एक सभा को संबोधित करते हुए देश की ताजा हालात पर एक खास बात कही, भागवत ने कहा कि संघ को किसी से नफरत नहीं है और ना ही वो नफरत की पैरवी करता है, हमारे संगठन का मकसद सिर्फ और सिर्फ भारत में परिवर्तन के लिए सभी समुदायों को संगठित करने का है, हम एकता, प्रेम और शांति पर भरोसा करते हैं, हमारी नजर में सारे धर्म बराबर हैं और हम सबकी इज्जत भी करते हैं।
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'विश्व में सबसे ज्यादा सुखी मुसलमान भारत में क्योंकि हम हिंदू हैं'
भागवत ने कहा कि राष्ट्रवाद लोगों को डराता है क्योंकि वह तुरंत इसे हिटलर और मुसोलिनी से जोड़ देते हैं लेकिन भारत में राष्ट्रवाद ऐसा नहीं है क्योंकि यह राष्ट्र अपनी सामान्य संस्कृति से बना है, सही तरीका यह है कि ऐसे उत्कृष्ट इंसान तैयार किए जाएं, जो समाज को बदलने के साथ ही देश की कायापलट में अहम भूमिका निभा सकें क्योंकि 130 करोड़ लोगों को एक साथ बदलना मुमकिन नहीं है।
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'मुस्लिम, पारसी सब भारत में खुद को सुरक्षित समझते हैं'
भारत की विविधता की तारीफ करते हुए भागवत ने कहा कि इसने देश को एक डोर में बांधा हुआ है, यहां के लोग विविध संस्कृति, भाषा और भौगोलिक स्थानों के बावजूद खुद को भारतीय मानते हैं। इस अद्वितीय अहसास के कारण मुस्लिम, पारसी या अन्य मजहबों में विश्वास रखने वाले लोग खुद को यहां सुरक्षित समझते हैं।
'हम सबको साथ में लेकर चलने में भरोसा रखते हैं'
यहूदी मारे-मारे फिरते थे अकेला भारत है जहां उनको आश्रय मिला हुआ है, वो यहां सम्मानपूर्वक जी रहे हैं, पारसियन (पारसी) की पूजा और मूल धर्म केवल भारत में सुरक्षित हैं, विश्व के सर्वाधिक सुखी मुसलमान भारत में मिलेंगे, ये क्यों है? क्योंकि हम हिंदू हैं, हम सबको साथ में लेकर चलने में भरोसा रखते हैं।