मुस्लिम धर्मगुरुओं ने हज यात्रा के लिए ने मांगी टैक्स में छूट, यूपी अल्पसंख्यक मंत्री ने ठुकराई मांग
नई दिल्ली। मुस्लिम धर्मगुरूओं की संस्था इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने हज समेत विभिन्न तीर्थयात्राओं को जीएसटी समेत सभी टैक्स से मुक्त करने की मांग की है। यही नहीं, उनकी मांग यह भी शामिल है कि हज यात्रियों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल की शर्त भी हटा ली जाए। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के प्रमुख मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महल ने कहा कि जो लोग अपना सारी उम्र पैसा बचाते हैं, वो टैक्स दाखिल नहीं कर सकते हैं।
पाकिस्तान
में
गायब
हुई
ऐतिहासिक
हिंदू
विवाह
कानून
के
प्रस्तावित
मसौदे
की
कॉपी
बकौल फिरंगी महली, इस तरह के लाभ सभी धर्म के तीर्थयात्रियों को दिए जाने चाहिए, लेकिन हज यात्रियों को सरकार द्वारा वित्तीय सहायता पर विचार करने जरूरत है। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की सभी सिफारिशों के साथ सरकार को एक पत्र भेजा गया है। बता दें, हज यात्रियों से सरकार पांच फीसदी जीएसटी वसूलती है।
चीन
ने
जो
बायडेन
को
बधाई
देने
से
किया
इन्कार,
कहा,
'फाइनल
नतीजों
का
इंतजार
है'
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने सरकार से तीन मांगों पर जोर दिया है। पहला, तीर्थयात्रियों को हरसंभव तरीके से हज के लिए पहुंचाया जाए, क्योंकि हज यात्रा दिन प्रति दिन महंगी होती जा रही है। दूसरा, हज और अन्य धार्मिक यात्रियों के लिए जीएसटी और सभी प्रकार के टैक्स को खत्म कर दिया जाना चाहिए और तीसरा और आखिरी, हाजियों के लिए आयकर रिटर्न भरने की शर्त को समाप्त कर दिया जाना चाहिए।
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मामले पर यूपी सरकार के अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने एक टीवी चैनल पर मौलाना फिरंगी महली की मांग को खारिज करते हुए कहा कि जीएसटी देना गरीबों का अधिकार है, जिसका उपयोग उन्हें पहुंचाने के लिए किया जाता है और कोई भी गरीब का अधिकार छीन कर हज पर जाने का हकदार नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि मौलानाओं को ऐसे बयान देने से पहले सोचना चाहिए। वहीं, सपा ने हज यात्रियों के लिए जीएसटी और आयकर रिटर्न में छूट का समर्थन किया है।
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