धर्म से आगे इंसानियत: हिंदू युवक की जान बचाने के लिए तोड़ दिया रोजा
देहरादून । देहरादून में एक मुस्लिम शख्स ने साबित कर दिया कि इंसानियत से ऊपर कुछ भी नहीं है। न धर्म न जात-पात। मुस्लिम युवक ने हिंदू युवक की जान बचाने के लिए रमजान के पाक महीने में रोजा तोड़ दिया। दरअसल 20 साल के अजय बिजल्वाण को लिवर में इंफेक्शन थी। इंफेक्शन की वजह से उसके खून में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम होती जा रही थी। उसे खून की जरूरत थी।
डॉक्टरों ने अजय के लिए A+ ब्लड ग्रुप चाहिए था, लेकिन न तो ब्लड बैंक में और न ही किसी सगे संबंधी से इस ग्रुप के ब्लड का इंतजाम हो पा रहा था। काफी कोशिशों के बाद जब कुछ न हो सका तो किसी ने अजय के पिता को सोशल मीडिया की मदद से खून के लिए मदद मांगने की सलाह दी।
अजय के पिता ने सोशल मीडिया पर मदद के लिए एक पोस्ट लिखी और उसे फेसबुक और व्हाट्सएप पर डाल दिया। ये पोस्ट आरिफ खान नाम के शख्स तक पहुंचा। आरिफ 'नेशनल असोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स' नाम की एक संस्था भी चलाते हैं। आरिफ ने बिना देर किए अजय के पिता को फोन किया और अस्पताल का पता मांगा। आरिफ ने अस्पताल पहुंचते ही खून देने की बात कही, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि खून देने से पहले उन्हें कुछ खाना पड़ेगा। आरिफ ने उन्हें बताया कि उसका रोजा चल रहा है और वो कुछ खा पी नहीं सकता, लेकिन डॉक्टरों ने उसके सामने शर्त रख दी कि वो बिना कुछ खाए खून नहीं दे सकते है।
आरिफ ने फिर कुछ और नहीं सोचा और इंसानियत के सामने धर्म से किनारा कर दिया। आरिफ ने डॉक्टरों द्वारा दी गईं चीजें खाकर अजय के लिए ब्लड डोनेट किया। आरिफ की वजह से अजय की जान बच सकी। अजय के घरवालों ने आरिफ का दिल से शुक्रिया किया।