भागवत के बयान पर भड़कीं कबीर खान की पत्नी मिनी माथुर, कहा- सब अनपढ़ ही रहो, फिर तलाक तो नहीं होगा
नई दिल्ली। एक बार फिर से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अपने एक विवादित बयान को लेकर चर्चा में हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि एजुकेशन के चलते लोगों में तलाक के मामले बढ़ रहे हैं, उनके इस बयान पर कुछ लोगों ने काफी तीखा रिएक्शन दिया है, बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक कबीर खान की वाइफ और पूर्व वीजे मिनी माथुर ने भागवत के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि फिर तो सभी को पढ़ना-लिखना चाहिए ही नहीं, सब लोग अनपढ़ ही रहते हैं,तब सब सही रहेगा।
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'सब अनपढ़ ही रहो, फिर तलाक तो नहीं होगा'
मिनी माथुर ने Twitter पर लिखा था कि चलिए हम सब अनपढ़ रहते हैं और आर्थिक रूप से गरीब रहते हैं, कम से कम इससे तलाक तो नहीं होगा, प्राथमिकताएं। मिनी का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बना हुआ था, हालांकि जब इस पर रिएक्शन ज्यादा आने लगे तो मिनी ये ट्वीट हटा दिया।
अभिनेत्री सोनम कपूर ने भी भागवत के बयान की निंदा की थी
मिनी माथुर से पहले अभिनेत्री सोनम कपूर ने भी मोहन भागवत के बयान की निंदा की थी, उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि कोई समझदार इंसान कैसे इस तरह की बात कर सकता है। एकदम मूर्खतापूर्ण और पिछड़ी सोच को जाहिर करता अजीब बयान है यह।
क्या कहा था मोहन भागवत ने?
आरएसएस के एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा था, मौजूदा समय में तलाक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, तलाक के मामले शिक्षित और संपन्न परिवारों में अधिक हैं, इसकी वजह ये है कि शिक्षा और संपन्नता से लोगों में अहंकार आता है जिसका नतीजा परिवारों का टूटना है, परिवार टूटने से समाज भी बिखरता है क्योंकि समाज भी एक परिवार है, भारत में हिंदू समाज का कोई विकल्प नहीं है।
'मेरे पति मुस्लिम हैं, मैं कायस्थ हूं, बच्चों का धर्म क्या होगा पता नहीं'
कुछ वक्त पहले भी मिनी माथुर अपने उस बयान को लेकर चर्चा में थीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पति फिल्मकार कबीर खान (बजरंगी भाईजान, एक था टाइगर जैसी फिल्मों के निर्देशक) नास्तिक हैं, जिन्हें माथुर समुदाय में मुसलमानों से भी बुरा माना जाता है, दूसरे धर्म में विवाह को लेकर रूढ़िवादी विचारों की मौजूदगी के प्रश्न पर मिनी माथुर ने कहा था कि मुझे लगता है कि इस समय संप्रदायवाद पर जोर दिया जा रहा है, धर्म को लेकर ज्यादा बातें हो रही हैं. मुझे लगता है कि अगली पीढ़ी के लिए धर्म और धार्मिक बातों का कोई मतलब नहीं रह जाएगा, मेरे पति मुस्लिम हैं और मैं कायस्थ हूं, हमारे बच्चों का धर्म क्या होगा, नहीं जानती. जैसे-जैसे उनमें विश्वास, देशप्रेम और निष्ठा जागेगी तो किसी को उनसे उनका धर्म नहीं पूछना चाहिए।