अब आगरा में पलायन , घर बेचने को मज़बूर मुस्लिम परिवार!
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में पलायन का मुद्दा शांत होता नहीं दिखाई दे रहा है। कैराना-अलीगढ़ के बाद अब आगरा से पलायन का एक और मामला सामने आया है।
आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा कैराना और अलीगढ़ से हो रहे कथित हिंदू समुदाय के पलायन का मुद्दा बार-बार उठा रही है। दोनों मुद्दे अभी ठंडे भी नहीं पड़े थे कि आगरा से पलायन का एक और मामला सामने आया है।
आगरा के एक इलाके के कुछ मुस्लिम परिवारों ने अपने घरों के बाहर बिकाऊ के बोर्ड लगा दिए हैं। हालांकि इसके पीछे कोई सांप्रदायिक ऐंगल न होकर, बल्कि भूमाफियाओं का खौफ है।
टीओआई की खबर के मुताबिक सोमवार को आगरा के इतिमद-उद-दौला इलाके के कुछ मुस्लिम परिवारों ने भू-माफियाओं के दबाव में आकर अपने घरों पर बिकाऊ के बोर्ड लगा दिए हैं। परिवारों का आरोप है कि भूमाफिया उन पर घरों को बेचने का दबाव बना रहे हैं।
समाजवादी पार्टी समर्थित हैं भूमाफिया?
पीड़ितों का दावा है कि इन भू-माफियाओं को समाजवादी पार्टी का समर्थन है और इसलिए पुलिस भी इन पर कार्रवाई नहीं कर रही है।
उनका दावा है कि कई लोग इससे परेशान होकर इलाका छोड़कर जा चुके हैं और बाकी लोग घर बेचने के लिए मज़बूर हैं। पीड़ितों की मांग है कि भू-माफियाओं के खिलाफ एक्शन न लेने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए।
रोज़ मिल रही हैं धमकियां
उक्त इलाके में रहने वाले लोगों के मुताबिक अगर वो घर बेचने से मना करते हैं तो उन्हें अलग-अलग तरीकों से परेशान किया जाता है। उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जाती हैं।
उनके मुताबिक उस इलाके की एक खाली ज़मीन पर भू-माफिया कब्ज़ा जमाना चाहते हैं, जिसका इस्तेमाल सालों से स्थानीय लोग कर रहे हैं।
लोगों का दावा है कि इसके पीछे सपा सरकार में मौजूद एक ताकतवर मंत्री का हाथ है। पीड़ित अखिलेश यादव की सरकार को अल्पसंख्यक विरोधी करार दे रहे हैं।
पुलिस का दावा, ऐसी कोई घटना नहीं
इस मुद्दे पर आगरा के एसएसपी प्रीतेंदर सिंह ने कहा कि पलायन का ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। न ही इसके पीछे कोई सांप्रदायिक तनाव है। उनके मुताबिक ये पूरा विवादित ज़मीन का मामला है, जिसे हम सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।