नहीं रहे महान संगीतकार एम बालामुरलीकृष्ण
दुनियाभर में संगीत के 25000 से ज्यादा शो करने वाले मशहूर संगीतकार एम बालामुरलीकृष्ण का निधन हो गया है।
चेन्नई। दुनियाभर में संगीत के 25000 से ज्यादा शो करने वाले मशहूर संगीतकार एम बालामुरलीकृष्ण का 86 साल की उम्र में चेन्नई में निधन हो गया है।
सिर्फ आठ साल की उम्र में विजयवाडा में अपना पहला शो करने वाले बालामुरलीकृष्ण पिछले 6 दशकों से दक्षिण भारत में संगीत के क्षेत्र का एक बेहद मशहूर चेहरा रहे हैं।
बालामुरलीकृष्ण ने ना सिर्फ संगीत के क्षेत्र में नाम कमाया बल्कि गायन और अभिनय में भी उन्होंने पहचान बनाई। 6 जुलाई 1930 को आन्ध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी में जन्मे बालामुरलीकृष्ण को दुनियाभर में बहुत सम्मान मिला।
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बालामुरलीकृष्ण ने तेलुगु के साथ-साथ कन्नड, संस्कृत, तमिल, मलयालम, हिन्दी, बंगाली और पंजाबी में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
फ्रांस की सरकार ने भी दिया था विशेष सम्मान
बालामुरलीकृष्ण ने पंडित भीमसेन जोशी, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया और किशोरी अमोनकर के साथ भी जुगलबंदी कार्यक्रम पेश किये, जो खूब सराहे गए।
डॉ॰ एम बालामुरलीकृष्ण को पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्म विभूषण जैसे राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया। वे एकमात्र कर्नाटक संगीतकार थे, जिन्हें फ्रांस सरकार की ओर से चेविलियर्स ऑफ द आर्डर डेस आर्ट्स एट डेस लेटर्स मिला।
इन सब के अलावा, उन्हें विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की ओर से कई मानद डॉक्टरेट की उपाधियां भी प्रदान की गयी। बालामुरलीकृष्ण का निधन संगीत के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति है।
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