अयोध्या: मुनव्वर राना ने मस्जिद की जगह राजा दशरथ अस्पताल बनाने की मांग क्यों की? जानिए
नई दिल्ली- उर्दू के जाने-माने शायर मुनव्वर राना अयोध्या में 5 एकड़ जमीन पर बाबरी मस्जिद के बदले में बनने वाली मस्जिद की जगह राजा दशरथ के नाम पर अस्पताल बनाने की मांग की है। उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर अपनी यह इच्छा जता दी है। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि मस्जिद के लिए वह अलग से अपनी पुश्तैनी जमीन देने को भी तैयार हैं, जहां ऐसी इमारत खड़ी की जा सकती है कि देखने वाले देखते रह जाएं। गौरतलब है कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का शायर ने स्वागत किया था।
मस्जिद की जमीन पर बने राजा दशरथ अस्पताल-मुनव्वर राना
मुनव्वर राना ने अयोध्या में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए मिली जमनी की जगह पर भगवान राम के पिता राजा दशरथ के नाम पर अस्पताल बनाने की वकालत की है। उर्दू के मशहूर शायर ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक खत लिखा है। उन्होंने कहा है कि अयोध्या के पास धन्नीपुर गांव में सरकार से जो मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन मिली है, वहां पर राजा दशरथ के नाम पर अस्पताल बनाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि, 'मस्जिद के लिए जमीन दूर-दराज के इलाके धन्नीपुर में दी गई है। हिंदुओं और मुसलमानों के बीच और अधिक नफरत पैदा करने से अच्छा है कि उस जमीन पर राजा दशरथ अस्पताल बनाया जाना चाहिए।'
मुनव्वर राना क्यों चाहते हैं, राजा दशरथ अस्पताल ?
राना ने मंगलवार को अपनी मांग के कारणों को और स्पष्ट करते हुए बताया कि "यूं भी सरकार द्वारा दी गई या जबरदस्ती हासिल की गई जमीनों पर मस्जिदों का निर्माण नहीं होता।" जब उनसे ये सवाल पूछा गया कि भगवान राम के पिता राजा दशरथ के नाम पर अस्पताल क्यों बनना चाहिए तो उन्होंने कहा, 'लंबे समय से मुसलमानों के खिलाफ यह बात प्रचारित की जा रही है कि उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाई थी, लेकिन सच्चाई यह है कि मुसलमान किसी अवैध कब्जे की जमीन पर मस्जिद नहीं बनाते।' वे बोले कि भारतीय मुसलमान हमेशा से ही अपने मुल्क और यहां के लोगों और उनकी आस्था का पूरा सम्मान करते हैं। यह संदेश देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से वक्फ बोर्ड को मिली जमीन पर मस्जिद की जगह राजा दशरथ के नाम पर अस्पताल का निर्माण हो।
पीएम मोदी से मुनव्वर राना की गुजारिश
असहिष्णुता के मुद्दे पर 2015 में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले 69 वर्षीय शायर ने पीएम मोदी को भेजे खत में यह इच्छा भी जताई है कि वह रायबरेली में सई नदी के किनारे अपनी 5.5 एकड़ पुश्तैनी जमीन भव्य मस्जिद बनाने के लिए देना चाहते हैं। उन्होंने अपने खत में रायबरेली को एतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व वाला शहर बताया है। खत में उन्होंने लिखा है, 'यह उचित है कि मेरे बेटे तबरेज राना के नाम की जमीन भव्य मस्जिद के निर्माण के लिए दी जाए।' उन्होंने लिखा है कि 'मैं चाहता हूं कि इस जमीन पर बाबरी मस्जिद की एक ऐसी शानदार इमारत बनाई जाए कि दुनिया के जो लोग इधर से गुजरें वे बाबरी मस्जिद का दीदार कर सकें।'
पीएम के जरिए सुप्रीम कोर्ट से की ये मांग
पीएम मोदी को लिखे खत में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि जिस सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि के हक में फैसला दिया है, वह देश में वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जे को भी जल्द खाली करवाए, ताकि मुसलमान उनका अपने हित में इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने जन्मभूमि केस में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की भूमिका पर संदेह जताते हुए प्रधानमंत्री से नए वक्फ बोर्ड के गठन और वक्फ की तमाम प्रॉपर्टी को उससे जोड़ने की भी मांग की है। उन्होंने ये भी कहा है कि उन्हें बोर्ड में कोई पद नहीं चाहिए, वे सिर्फ जमीन देने वाला शख्स ही बने रहना चाहते हैं।
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