PMC बैंक के खिलाफ मुकदमा दर्ज, मुंबई पुलिस की एसआईटी करेगी जांच
नई दिल्ली। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने रियल एस्टेट फर्म हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के प्रवर्तकों सारंग वधावन और पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। FIR में बैंक को हुए नुकसान की राशि 4355 करोड़ बताई गई है। आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की तफ्तीश के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
पुलिस ने कंपनी और बैंक के 14 अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराएं 409, 420, 465, 466, 471 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के कई खाताधारकों ने बैंक के अधिकारियों के खिलाफ गुरुवार को पुलिस में सामूहिक शिकायत दर्ज कराई थी।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ग्राहकों की ओर से बैंक के चेयरमैन और उसके निदेशकों के खिलाफ जनता के धन का गबन करने की शिकायत दर्ज कराई गई है।
एफआईआर में पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के प्रबंध निदेशक जोसेफ थॉमस का भी नाम है। आरबीआई ने मंगलवार को पीएमसी बैंक पर प्रमुख वित्तीय अनियमितताओं, आंतरिक नियंत्रण और प्रणालियों की विफलता" का हवाला देते हुए प्रतिबंध लगा दिया था। RBI ने PMC बैंक को ऋण को नवीनीकृत करने या अनुदान देने, या उसकी स्वीकृति के बिना निवेश करने से रोक दिया।
सूत्रों के मुताबिक जैसे ही फ्रॉड और डेटा में हेरफेर के पर्याप्त सबूत मिले आरबीआई ने तुरंत एक्शन लिया। आरबीआई ने बगैर कोई देरी किए बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को दरकिनार कर कार्रवाई की और जेबी भोरिया को एडमिनिस्ट्रेटर एप्वाइंट कर दिया। बता दें कि, पीएमसी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में एचडीआईएल द्वारा एनपीए का उल्लेख नहीं किया था।
बैंक ने एचडीआईएल को 6500 करोड़ रुपये का कर्ज दे दिया था। जबकि बैंक का कुल एसेट ही 8800 करोड़ रुपये का है। यानी कंपनी को बैंक की पूरी संपत्ति की 73 फीसदी रकम कर्ज के तौर पर मिल गई थी। यह रकम कर्ज देने की सीमा से चार गुना अधिक थी। बैंक के बोर्ड मेंबर की ओर से बैंक की असली बैलेंसशीट का ब्योरा रिजर्व बैंक को लीक किए जाने के बाद यह खुलासा हुआ है।
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