TRP हेराफेरी में मुंबई पुलिस के भंडाफोड़ पर शिवसेना नेता संजय राउत बोले- असत्यमेव जयते !
TRP हेराफेरी में मुंबई पुलिस के भंडाफोड़ पर शिवसेना नेता संजय राउत बोले- असत्यमेव जयते !
मुंबई। मुंबई पुलिस ने टीआरपी रेटिंग में हेराफेरी करने वाले एक रैकेट को पकड़ा है। जिससे बाद पुलिस ने रिपब्लिक चैनल समेत कुल 3 चैनलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जांच शुरू कर दी है। इस संबंध में मुंबई पुलिस कमिश्ननर परमवीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर डीटेल साझा की। टीआरपी के हेराफेरी के मामले में अब तक 2 गिरफ्तारी भी की गईं हैं। वहीं अब इस कार्रवाई को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने भी ट्वीट किया है।
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शिवेसना नेता संजय राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा - मुंबई के पुलिस कमिश्नर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें कहा गया कि रिपब्लिक टीवी ने टीआरपी खरीदी है। असत्यमेव जयते !!!
फ्रॉड टीआरपी के रैकेट
बता दें मुंबई पुलिस ने आज गुरुवार को फेक टीआरपी रैकेट का खुलासा करते हुए दावा किया कि 3 चैनल पैसे देकर टीआरपी खरीदते थे। इन चैनलों की जांच की जा रही है। मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने कहा कि,बार्क (BARC) की शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच की टीम को जांच में फ्रॉड टीआरपी के रैकेट का पता चला है। उन्होंने कहा कि इस रैकेट के जरिए टीआरपी को मैनुपुलेट किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि इसके जरिए फेक एजेंडा चलाया जा रहा था। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि दो मराठी चैनलों के मालिक गिरफ्तार हुए हैं।
जानिए क्यों पड़ती है टीआरपी की जरुरत
कमिश्नर ने बताया कि 30 से 40 हजार करोड़ रुपये के विज्ञापन टीवी इंडस्ट्री में आते हैं, और टीआरपी के आधार पर ही विज्ञापन के रेट तय किए जाते हैं। इसकी मॉनिटरिंग बार्क नाम की एक संस्था करती है। उन्होंने बताया कि रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों को इस मामले में आज या कल तलब किया जाएगा। मुंबई पुलिस के प्रमुख ने कहा कि चैनलों के बैंक अकाउंट्स की भी जांच की जाएगी, इसके साथ ही विज्ञापनदाताओं से मिलने वाले फंड की भी तफ्तीश की जाएगी। पुलिस कमिश्ननर ने बताया कि, बार्क अलग-अलग शहरों में बैरोमीटर लगाते हैं, देश में करीब 30 हजार बैरोमीटर लगाए गए हैं। मुंबई में करीब 10 हजार बैरोमीटर लगाए गए हैं। बैरोमीटर इंस्टॉल करने का काम मुंबई में हंसा नाम की संस्था को दिया गया था।
ऐसे चल रहा था पूरा खेल
जांच के दौरान ये बात सामने आई है कि कुछ पुराने वर्कर जो हंसा के साथ काम कर रहे थे, टेलीविजन चैनल से डाटा शेयर कर रहे थे। वो लोगों से कहते थे कि आप घर में हैं या नहीं है चैनल ऑन रखिए, इसके लिए पैसे देते थे। मुंबई पुलिस के अनुसार, तफ्तीश, न्यूज ट्रेंड में जोड़तोड़/हेरफेर और झूठी कहानी किस तरह फैलाई जाती है, इसके विस्तृत विश्लेषण का हिस्सा है। चैनलों के बैंक अकाउंट्स की भी जांच की जाएगी, हम ये भी देख रहे हैं जो फर्जी टीआरपी से विज्ञापन मिले थे वो पैसा अपराध का हिस्सा माना जाएगा या नहीं।
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