मुंबई: BMC की लापरवाही से गई एक और जान, खुले गड्ढे में गिरकर 12 साल के बच्चे की मौत
मुंबई। औद्योगिक राजधानी मुंबई में बीएमसी (बृहनमुबंई नगर निगम) की एक और लापरवाही सामने आई है। मुंबई के पॉश कोस्टल रोड इलाके में खुले गड्ढे में गिरकर शनिवार को 12 साल के बच्चे की मौत हो गई। बच्चा अपने दोस्तों के साथ वरली सी फेस पर खेलने गया था। यहां कोस्टल रोड का काम चल रहा है। खेलते-खेलते बच्चा गड्ढे में गिर गया। जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। कहा जा रहा है कि कोस्टल रोड प्रोजेक्ट के लिए गड्ढा खोदा गया था। बच्चे का नाम बबलू पासवान था।
घटना कल शाम 5 बजे की है। मुंबई में कोस्टल रोड का काम चल रहा है। ये मुंबई महानगरपालिका का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। बीएससी की लापरवाही का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले बुधवार को दो साल का मासूम दिव्यांश खेलते खेलते खुले नाले में गिर गया। चार दिन बीत जाने के बाद भी उसका शव बरामद नहीं हो सका। शनिवार को बीएमसी ने अपना सर्च ऑपरेशन भी बंद कर दिया। दिव्यांशु का परिवार इस सदमें से अभी तक नहीं उबर पाया है। इस हादसे के लिए वो पूरी तरह बीएमसी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इस नए हादसे ने एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही की पोल खोल दी है।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
इस मामले पर पिछले साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने रोड सेफ्टी से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार और संबंधित विभागों को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने पूछा उनसे पूछा था कि दिल्ली और मुंबई की सड़कों पर कितने गड्ढे हैं? दिल्ली-मुंबई की सड़कों पर जो गड्ढे हैं उनकी वजह क्या है, जिम्मदारी किसकी है? और इन गड्ढों को लेकर सरकार और संबिधित विभाग क्या कर रहे हैं? मामले की सुनवाई के दौरान बताया गया था कि देश में हर साल तकरीबन 1 लाख 60 हजार लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत होती है, जिनमें से कुछ मौतें सड़कों पर बने गड्ढों की वजह से भी होती हैं।
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