इच्छामृत्यु की मांग पूरी न हुई तो पत्नी ने पति से कहा, 'आप मुझे मार दो आपको कोर्ट फांसी दे देगा'
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मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के चरनी रोड निवासी एक बुजुर्ग दंपति ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर इच्छामृत्यु की मांग की थी लेकिन राष्ट्रपति को ओर से कोई जवाब न मिलने के चलते अब दंपती ने हत्या की योजना बनाई है। 86 वर्षीय नारायण लवाते की 78 वर्षीय पत्नी इरावती लावते ने अपने पति को पत्र लिखकर उनसे गुजारिश की है कि वह उन्हें मारकर मुक्त कर दें। नारायण लवाते 1989 में ही राज्य परिवहन निगम की सेवा से रिटायर हो चुके हैं, और इरावती स्कूल प्रिंसिपल रह चुकी हैं। दंपति ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा था कि हम लोग निःसंतान हैं, किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित भी नहीं हैं। फिर भी अब हमारे जीने का कोई मतलब नहीं है। क्योंकि समाज में उनकी कोई उपयोगिता नहीं रह गई है और अपनी देखभाल करने में भी सक्षम नहीं हैं।
उन्होंने संतान पैदा नहीं कि क्योंकि वह देश की आबादी बढ़ाने को सामाजिक अपराध मानते हैं
दंपति ने पत्र में लिखा था कि टर्मिनली इल (बीमारी के कारण शरीर का काम न कर पाना) होने की स्थिति में वह समाज के लिए अपना कोई योगदान नहीं कर सकेंगे। मामला सामने आने के बाद इरावती ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि, इस दंपती ने बताया कि उन्होंने संतान पैदा नहीं कि क्योंकि वह देश की आबादी बढ़ाने को सामाजिक अपराध मानते हैं। शादी के पहले साल में ही हम लोगों ने बच्चा नहीं करने का फैसला कर लिया था। बुजुर्ग अवस्था में हम लोग नहीं चाहते कि कोई दूसरा हमारी जवाबदेही ले। इस दंपती ने अपने अंगदान के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल में भी रजिस्ट्रेशन करवाया है।
31 मार्च के बाद वह कभी उन्हें गला घोंटकर मार सकते हैं
लवाते दंपति ने 21 दिसंबर को यह पत्र लिखा था। उन्होंने राष्ट्रपति ने यह भी जिक्र किया था वह 31 मार्च 2018 तक उनके जवाब का इंतजार करेंगे। लेकिन दो महीने बीतने के बाद उन्हें इस बात का यकीन है कि उनकी याचिका को गंभीरता से नहीं लिया गया। जिसके बाद उन्होंने हत्या की योजना बनाई है। इसके बाद इरावती ने अपने पति के लिए एक पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने लिखा कि 31 मार्च के बाद वह कभी उन्हें गला घोंटकर मार सकते हैं।
आप मुझे मार दो आपको कोर्ट फांसी दे देगा
मुंबई मिरर में छपी खबर में इरावती ने अपने पति के नाम पत्र में लिखा, 'आपने हम दोनों के लिए इच्छामृत्यु की मांग की है लेकिन मुझे लग रहा है कि राष्ट्रपति हमारी अपील नहीं सुनेंगे। इस वजह से मुझे केवल एक रास्ता दिख रहा है कि 31 मार्च के बाद आप कभी भी मेरा गला घोंटकर मुझे मार सकते हैं और इस संसार से मुक्त कर सकते हैं। यह एक योजनापूर्ण हत्या होगी इसलिए कोर्ट से आपको भी इस अपराध के लिए फांसी मिल जाएगी। उनके पास कोई ऑप्शन नहीं है कि आपकी मरने की इच्छा भी पूरी हो जाएगी।'