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मुंबई हादसा: मलबे में दबकर महिला ने गंवाई जान, ढहने लगा घर तो बच्चों को समेट लिया आगोश में

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नई दिल्ली। मुंबई के डोंगरी में गिरी चार मंजिला इमारत ने अब तक लगभग 20 लोगों की जान ले ली हैं और घटनास्थल का मलबा अभी पूरी तरह साफ भी नहीं हो सका है। इस दुर्घटना में अपने दो बच्चों की जान बचाते हुए एक 25 साल की महिला ने अपनी जान गंवा दी। दरअसल दुर्घटना के दिन इमारत के तीसरे फ्लोर पर रहने वाली साबिया निसार शेख घर के कामकाज में व्यस्त थी और उनका पति निसार काम पर गया था। साबिया अपने 2 और 3 साल के 2 बच्चे हबीब और आयशा को खाना खिला रही थी। हबीब उसकी गोद में था जबकि आयशा पास ही थी।

अचानक ढहने लगी इमारत तो...

अचानक ढहने लगी इमारत तो...

साबिया को इस दौरान अहसास हुआ कि अचानक उसका घर गिरने लगा। सब तितर बितर हो रहा था। ये देखकर उसने दोनों बच्चों को अपने गोद में समेट लिया और गिरते घर के मलबे का सारा भार अपने सिर पर ले लिया। पल भर में तीसरे माले का सारा घर जमीन पर था। जब तक बचावकर्मी साबिया तक नहीं पहुंचे थे उसने अपने दोनों बच्चों को थामे रखा लेकिन आखिरकार साबिया की मौत हो गई।

बचाव के लिए छोटी सी गली में नहीं पहुंच पाईं बड़ी मशीनें

बचाव के लिए छोटी सी गली में नहीं पहुंच पाईं बड़ी मशीनें

नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की तीन टीमों के साथ दक्षिण मुंबई के निवासियों ने रात में पोर्टेबल पावर टूल्स का उपयोग करके टूटे कंक्रीट और ईंटों के ब्लॉक को हटाने का काम किया। हालांकि मंगलवार को भारी मशीनें ढह गई इमारत तक नहीं पहुंच सकीं क्योंकि जहां ये दुर्घटना हुई है उस गली का रास्ता बेहद संकरा था। पिछले हफ्तों में हुई भारी बारिश से यह इलाका और भी भर गया था। वहां रहने वालों ने एक मानव चेन बनाकर एनडीआरएफ की मदद करते हुए धीरे धीरे मलबा हटाया। ये इमारत 100 साल के ज्यादा पुरानी थी और बरसात के कारण हर साल कमजोर होती जा रही थी।

बिल्डिंग को लेकर बीएमसी दे चुका था चेतावनी

बिल्डिंग को लेकर बीएमसी दे चुका था चेतावनी

अभी भी कुछ लोग मलबे में दबे हुए हैं और मृतकों की संख्‍या बढने की उम्‍मीद है। अब इस पूरे मामले में बीएमसी का बयान आया है। बिल्‍डिंग को BMC की तरफ से 2017 में ही खतरनाक घोषित कर दिया गया था। लेकिन इस चेतावनी के बावजूद 100 साल पुरानी इस बिल्डिंग में कई परिवार रह रहे थे। इसी दौरान BMC की एक चिट्ठी सामने आई है जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है। सात अगस्त, 2017 को जारी किए गए इस नोटिस में केसरबाई नाम की इस बिल्डिंग को BMC ने C-1 घोषित किया गया था। यानी इस बिल्डिंग को खाली कर ढहाने के निर्देश दिए गए थे। बीएमसी ने साफ कहा था कि बिल्डिंग को खाली किया जाना चाहिए वरना इसके साथ होने वाले हादसे की जिम्मेदारी बीएमसी की नहीं होगी। बता दें कि इमारत में 8 से 10 परिवार रहा करते थे।

यह भी पढ़ें- LIVE: मुंबई में इमारत गिरने से मरने वालों संख्या 10 हुई, राहत का काम जारी

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English summary
mumbai building collapse: woman died while saving her children
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